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2024-03-04

क्या मेरी उलझन है

क्या मेरी उलझन है 
कैसे तू समझे 
जब तुझसे अनबन है

        -तूलिका सेठ

कुछ दिन का बाना है

कुछ दिन का बाना है
मन पावन कर ले
अब घर को जाना है

        -निवेदिताश्री

कलियों ने खिल-खिल के

कलियों ने खिल-खिल के
मौसम महकाया 
बगिया में हिलमिल के

-डॉ. नितीन उपाध्ये

कैसी ये ऋतु आई

कैसी ये ऋतु आई
बगिया में देखो 
फैली है तरुणाई

        -आभा खरे

2024-03-03

कैसा दिन आया है

कैसा दिन आया है 
मीलों कोई नहीं 
सन्नाटा छाया है

        -ममता मिश्रा

2024-03-01

क्या मन में बात कहो

क्या मन में बात कहो
प्यासा मन मेरा
पानी बन आज बहो 
         
-निवेदिताश्री 

कुछ अजब तपन सी है

कुछ अजब तपन सी है
ऐसा क्यूँ लगता ?
भारी उलझन सी है!

-आभा खरे

कण्डे सुलगाती है

कण्डे सुलगाती है
सर्दी में माई
लिट्टी महकाती है

    -सुधा राठौर

कोयल से पूछ ज़रा

कोयल से पूछ ज़रा
तेरे गीतों में
क्यों इतना दर्द भरा

-शशि पाधा

कँगना कुछ बोल गया

कँगना कुछ बोल गया 
साँसें मौन रहीं
तन मन कुछ डोल गया 

-शशि पाधा

2024-01-08

कुहरे के आँचल में

कुहरे के आँचल में
अलसाया सूरज
दुबका है बादल में 

          -सुधा राठौर

क्यों देरी से जागे

क्यों देरी से जागे
ठंडी में सूरज
जल्दी सोने भागे

          -सुधा राठौर

2023-12-29

कुछ ऐसे दीप जलें

कुछ ऐसे दीप जलें
अंतस तम छूटे 
सब मिलकर साथ चलें

-सोनम यादव

कारे धुँधुआरे हैं

कारे धुँधुआरे हैं
हलधर को बदरा
प्रानों से प्यारे हैं

            -अमिषा अनेजा

2023-11-23

कहना सुन ओ! बच्चे

कहना सुन ओ! बच्चे
कुछ दिन रुक जा तू
हैं 'पर' तेरे कच्चे

-आभा खरे

2023-06-02

कर वादा एक अभी

कर वादा एक अभी
दारू गुटका को
छूएगा नहीं कभी     
      
-निवेदिताश्री  

क्यों चन्दा इठलाता

क्यों चन्दा इठलाता
मुझसे ही रौशन
वो ग्रहण लगा जाता

-सुधा राठौर

2023-06-01

कुछ देर अँधेरा है

कुछ देर अँधेरा है
धीर न खोना मन
उस पार सवेरा है

-विद्या चौहान

2023-01-30

कैलाश बना बैठे

कैलाश बना बैठे 
वृक्ष शिखर पंछी 
हैं ध्यान लगा बैठे

-सोनम यादव

कर लें उनका वंदन

कर लें उनका  वंदन 
जन्मदिया हमको 
पितरों का अभिनंदन 

-सोनम यादव