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2024-04-09

बरसाने की ग्वालिन

बरसाने की ग्वालिन
कान्हा चकराए
बनकर आयी मालिन

        -सुधा राठौर

होता है मौन मुखर

होता है मौन मुखर
शब्दों से ज्यादा
रखता पुरजोर असर

        -सुधा राठौर

2024-03-12

सुख-दुख से नाता है

सुख-दुख से नाता है
आँसू का बहना
सबकुछ कह जाता है

        -सुधा राठौर

गाँठों का खुल जाना

गाँठों का खुल जाना
मन पर बोझ लिये
मुश्किल था जी पाना

        -सुधा राठौर

2024-03-11

शब्दों को चुन लाता

शब्दों को चुन लाता
मेरा मन पाखी
रचना बुनता जाता

  -सुधा राठौर

मन की गति न्यारी है

मन की गति न्यारी है
पकड़ नहीं आए
कैसी लाचारी है

      -सुधा राठौर

ये मन क्यों बौराया

ये मन क्यों बौराया
चाहत अनजानी
फिरता है पगलाया

         -सुधा राठौर

2024-03-10

साँवरिया का आना

साँवरिया का आना
आहट होते ही
धड़कन का बढ़ जाना

        -सुधा राठौर

सूखे गुल से महकी

सूखे गुल से महकी
साजन की पाती
जब आखर में बहकी

        -सुधा राठौर

2024-03-06

बाबुल की गौरैया

बाबुल की गौरैया
चहके जब बेटी
बलिहारी हो मैया
    
        -सुधा राठौर

बेटी करती वादा

बेटी करती वादा
खूब निभाऊँगी
दो कुल की मर्यादा

        -सुधा राठौर

बस ध्यान रहे इसका

बस ध्यान रहे इसका
बेटी को ब्याहो
मत दान करो उसका

        -सुधा राठौर

2024-03-05

अति दूर किनारा है

अति दूर किनारा है
जीवन नैया का
तू खेवनहारा है

        -सुधा राठौर

मुँह ढँककर सोया है

मुँह ढँककर सोया है
सूरज बेचारा
बादल में खोया है

        -सुधा राठौर

हो लगन अगर सच्ची

हो लगन अगर सच्ची
कुंदन-सी निखरे
हर एक विधा कच्ची

        -सुधा राठौर

छत पर तेरा आना

छत पर तेरा आना
नींद उड़ा जाए
पायल का खनकाना

    -सुधा राठौर

बूढ़ी काया रोये

बूढ़ी काया रोये
छोड़ गए बच्चे
जर्जर तन दुख ढोये

    -सुधा राठौर

गुरु-ज्ञान ख़ज़ाना है

गुरु-ज्ञान ख़ज़ाना है
जिसने भी पाया
जीवन को जाना है

        -सुधा राठौर

2024-03-04

भोली सूरत वाले

भोली सूरत वाले
होते हैं अक़्सर
वो अंतस के काले

        -सुधा राठौर

वो बेरी की झाड़ी

वो बेरी की झाड़ी
जोरा जोरी में
सखि उलझ गई साड़ी

        -सुधा राठौर