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2024-01-08

भूखा ही यह जाने

भूखा ही यह जाने
रोटी की खुशबू 
लगती है बहकाने 

         -मीतू कानोडिया 

नववर्ष सुहाना है

नववर्ष  सुहाना  है
हों शुभ संकल्पित 
लक्ष्यों को पाना है 

            -मीतू कानोडिया

दिन वर्ष भले बढ़ते

दिन वर्ष भले बढ़ते 
अनुभव यात्रा के 
अध्याय नये जुड़ते  
        
          -मीतू कानोडिया

2023-06-01

नभ की सुर्खी कम है

नभ की सुर्खी कम है
ठिठुर रहे पाखी 
सूरज भी मद्धम है

-मीतू कानोडिया 

2023-01-30

भूखा बस यह जाने

भूखा बस यह जाने
रोटी की खुशबू 
लगती है बहकाने

-मीतू कानोडिया

2023-01-25

मकरस्थ हुआ दिनकर

मकरस्थ हुआ दिनकर 
माँ की खिचड़ी की 
खुशबू आयी दिनभर

-मीतू कानोडिया

भारत के सेनानी

भारत के सेनानी
शौर्य देख इनका
दुश्मन माँगे पानी

-मीतू कानोडिया