Showing posts with label -संवादी माहिया. Show all posts
Showing posts with label -संवादी माहिया. Show all posts

2023-11-23

कहना सुन ओ! बच्चे

कहना सुन ओ! बच्चे
कुछ दिन रुक जा तू
हैं 'पर' तेरे कच्चे

-आभा खरे

हम उमड़े आए हैं

हम उमड़े आये हैं
झोली में अपनी
जीवन जल लाये हैं

-अमिषा अनेजा

जंगल है इक प्यारा

जंगल है इक प्यारा
अनगिन पेड़ यहाँ
चिड़ियों का अँगनारा
 
-मधु गोयल

माँ थपकी दे दो ना

माँ थपकी दे दो ना
नींद नहीं आती
इक लोरी गाओ ना!

-मधु गोयल

डरने की बात नहीं

डरने की बात नहीं
सबके जीवन में
दिन भी है, रात कहीं

-डॉ. रेशमा हिंगोरानी

2023-08-04

जल्दी घर को जाऊँ

जल्दी घर को जाऊँ
भूखे हैं बच्चे
पंखों में गति लाऊँ

-आभा खरे

तुम निकट नहीं आना

तुम निकट नहीं आना
प्रीत अगन ऐसी
पड़ता है जल जाना

-सुधा राठौर

मेघा तुम आ जाओ

मेघा तुम आ जाओ
बालक हम छोटे
पानी बरसा जाओ     

-अमिषा अनेजा 

भर-भर आती आँखें

भर-भर आती आँखें
उड़ना  ही  होगा
छूटेंगी ये शाखें 

-आशा पांडेय

2023-08-03

धरती से रवि बोला

धरती से रवि बोला
तुझसे क्या नाता
ना समझा मैं भोला

-सुधा राठौर

दूँगी सबको दाना

दूँगी सबको दाना
भूख लगी तुमको
हाँ, मैंने ये माना

-आभा खरे

2023-08-02

देहों के रिश्ते हैं

देहों के रिश्ते हैं
आज नहीं तो कल
आँखों से रिसते हैं

-निवेदिताश्री  

2023-08-01

हिम्मत ना हारेंगे

हिम्मत ना हारेंगे
नीड़ नया फिर से
हम मिल के बनाएँगे

-मधु गोयल

माँ अब तक ना आयी

माँ अब तक ना आयी
कूद रहे चूहे!
है भूख लगी भाई

-मधु गोयल

2023-06-02

खेती बागानों में

खेती बागानों में
लेती अँगड़ाई
धानी परिधानों में

-शिव मोहन सिंह

मक़सद हो जीने का

मक़सद हो जीने का
सूरज जब निकले
हर घूँट को पीने का

-डॉ. रेशमा हिंगोरानी

मत नींद की फ़िक्र करो

मत नींद की फ़िक्र करो
अपने काम करो
बातों से नहीं डरो

-डॉ. रेशमा हिंगोरानी

हलधर का श्रम चमके

हलधर का श्रम चमके
बादल तू बरसे
माटी का मन महके

-अमिषा अनेजा

मैं बादल मतवाला

मैं बादल मतवाला
समझो न मुझको
बिल्कुल भोला-भाला

-अचला झा

बाली क्यों इतराए

बाली क्यों इतराए
पानी मैं देता
तब ही तू लहराए

-अचला झा