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2024-03-11

फिरता बंजारा-सा

फिरता बंजारा-सा
भावों के पीछे
मन हारा-हारा सा

        -आभा खरे

2024-03-10

फूलों संग खिलने की

फूलों संग खिलने की
मिल जाओ साजन  
आई रुत मिलने की 

        -डी के निवातिया

2024-03-06

फिर-फिर उड़ आता है

फिर-फिर उड़ आता है 
भँवरा कलियों से 
गुप-चुप बतियाता है

        -आभा खरे

फूलों के खिलने के

फूलों के खिलने के 
आये है मौसम 
बागों में मिलने के

        -डॉ. नितीन उपाध्ये

2023-01-30

फूलों ने बात कही

फूलों ने बात कही
काँटों में रह कर 
हमने मुस्कान गही

-सोनम यादव

फूलों की बस्ती में

फूलों की बस्ती में
भँवरा घूम रहा
अपनी ही मस्ती में

-विद्या चौहान