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2024-04-18

तालाब बहुत गहरा

तालाब बहुत गहरा
तट ने बाँध रखा
चुपचाप वहीं ठहरा

        -अमिता शाह 'अमी'

अपने रूठा करते

अपने रूठा करते
नेह छलकता दिल
गुस्सा झूठा करते

        -अमिता शाह 'अमी'

2024-03-21

राहों में खिलते हैं

राहों में खिलते हैं
फूल किनारे पर
माली बिन पलते हैं

        -अमिता शाह 'अमी'

ये चाय मसाले की

ये चाय मसाले की
सुबह-सुबह देती
ऊर्जा मतवाले की

        -अमिता शाह 'अमी'