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2024-03-11

साये में यादों की

साये में यादों की
टीस उभरती है
साजन के वादों की

        -योगेन्द्र वर्मा

2024-03-05

बाजे खन-खन कँगना

बाजे  खन-खन कँगना
साजन आये  हैं
नाचूँ मैं घर-अँगना

    -योगेन्द्र वर्मा

2024-03-03

हरियाली छाई है

हरियाली छाई है
ओढ़ हरी चुनरी
धरती इतराई है

        -योगेन्द्र वर्मा

सावन के ये झूले

सावन के ये झूले
याद दिलाते हैं
लम्हे जो हम भूले

        -योगेन्द्र वर्मा

2023-06-01

मदमाते प्याले हैं

मदमाते प्याले हैं
नयनों की चितवन
सब बरछी-भाले हैं

-योगेन्द्र वर्मा

2023-01-30

धरती की सुनती हैं

धरती की सुनती हैं
बरखा की बूँदें
हरियाली बुनती हैं

-योगेन्द्र वर्मा

झूले में सावन के

झूले में सावन के
यादों की बूँदें
साजन मनभावन के

-योगेन्द्र वर्मा

2023-01-25

रातों के सन्नाटे

रातों  के  सन्नाटे
विरहन अँखियों ने
गिन-गिनकर ही काटे

-योगेन्द्र वर्मा