जो लोग चले जाते
इस दुनिया से जब
वो लौट के कब आते
-मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'
जब हिल-मिल जातीं हैं
सास-बहू मिलकर
घर स्वर्ग बनातीं हैं
-डॉ. नितीन उपाध्ये
जब उम्र ये पूरी है
अमृत क्यों खोजूँ
मरना भी ज़रूरी है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
जीवन वो कहानी है
जितनी जान सके
उतनी अनजानी है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
जीवन इक लोरी है
झूला सपनों का
औ वक्त की डोरी है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
जो लोग शिखर पर हैं
काश उन्हें देखें
जो नींव के पत्थर हैं
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
जग-रावन भरमाए
नैना स्वर्ण-हिरन
मन-सीता हो जाए
-सोनम यादव
जिसको अपना माना
जान नहीं पाये
निकला वो बेगाना
-हंस जैन
जूते लेकर साली
जीजा से बोली
अब जेब करो खाली
-हंस जैन
जादू संगीत हुआ
पल दो पल में ही
बेगाना मीत हुआ
-शशि पाधा
जोड़ा या घटाया है
चलती साँसों में
सजना को पाया है
-बुशरा तबस्सुम
जल बन के भाप चला
नभ से टकराकर
पानी बनकर पिघला
-ममता मिश्रा
जुगनू जगमग करता
राह चले अपनी
सूरज से कब डरता
-नेहा कटारा पाण्डेय
जीवन इक मेला है
जान सका वो ही
जिसने यह खेला है
-मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'
जननी की प्यारी है
बाबुल की तनया
रिश्तों में न्यारी है
-दया शंकर प्रसाद
जग का पालन हारा
भूखा बेचारा
फिरता मारा मारा
-राय कूकणा
जीवन खुश हो जी लें
साजन संग रहें
हम नेह सुधा पी लें
-किरन सिंह
जन्नत जो हो पाना
माँ के क़दमों में
सर रख कर सो जाना
-डॉ. नितीन उपाध्ये
जब आधी अठन्नी में
बर्फी मिलती थी
चाँदी की पन्नी में
-डॉ. नितीन उपाध्ये
जगती हैं जब चाहें
मिल ही जाती हैं
अंजानी दो राहें
-बुशरा तबस्सुम