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2024-04-18

तुम दूर न अब जाना

तुम दूर न अब जाना 
होली का मौसम
मन मेरा रँग जाना 

    -किरन सिंह

2024-04-12

सब दिन सतरंगी हों

सब दिन सतरंगी हों
रातें हों प्यारी
प्रेमी जब संगी हों 

    -किरन सिंह

हम दूर कहीं जाएँ

हम दूर कहीं जाएँ
दोनों ही प्रेमी 
अपनी दुनिया पाएँ 

    -किरन सिंह

2024-04-08

होली तो अब हो ली

होली तो अब हो ली 
रंग गुलाल लिए
आई छलिया टोली

    -किरन सिंह

महकी-महकी गलियाँ

महकी-महकी गलियाँ
माही के आते
खिल जाती हैं कलियाँ 

  -किरन सिंह

सपनों में आए तुम

सपनों में आए तुम 
एक नज़र देखा
फिर हुए कहाँ तुम गुम 

  -किरन सिंह

2024-04-07

मौसम फगुआ आया

मौसम फगुआ आया
प्रेमी-मन खेलें
साजन पर रँग छाया 

  -किरन सिंह

2024-03-31

कच्चे घर प्यारे थे

कच्चे घर प्यारे थे 
उनमें प्यार बसा
वे लगते न्यारे थे 

  -किरन सिंह

2024-03-28

खेलो कान्हा होली

खेलो कान्हा होली 
सखियाँ आयीं  हैं 
राधा की हमजोली

    -किरन सिंह

2024-03-26

चंदा सज धज आया

चंदा सज धज आया 
रौशन है आँगन 
सँग तारे भी लाया 

        -किरन सिंह

माही मेरे माही

माही मेरे माही 
तुझसे मिलने को
मैं बनी प्रेम राही 

    -किरन सिंह

2024-03-21

मधुमास बड़ा प्यारा

मधुमास बड़ा प्यारा 
प्रेमी दिल मिलते
मधुवन खिलता सारा 

    -किरन सिंह

2024-03-10

ख़ुशियों का क्या कहना

ख़ुशियों का क्या कहना
जीवन में इनको
है  कुछ  पल ही रहना 
   
        -किरन सिंह

माँ सब कुछ सहती है

माँ सब कुछ सहती है 
प्रीत उसी माँ की 
साँसों में बहती है 

    -किरन सिंह

कान्हा मथुरा आये

कान्हा मथुरा आये 
प्रेम गोपियों का
यादों में ले आये

    -किरन सिंह

पीहर की बात चली

पीहर की बात चली
कैसे ना बोलूँ 
ममता ही वहाँ पली 

  -किरन सिंह

कलियाँ खिल जातीं हैं

कलियाँ खिल जातीं हैं 
प्रेम राग सुनकर
भँवरों सँग गातीं हैं 

  -किरन सिंह

2024-03-06

सरसों अब पियराई

सरसों अब पियराई
ऋतु वसंत में जब
पाती पिय की आई 

    -किरन सिंह

जीवन खुश हो जी लें

जीवन खुश हो जी लें
साजन संग रहें 
हम नेह सुधा पी लें 

        -किरन सिंह

तुम शाम ढले आना

तुम शाम ढले आना
आँखों आँखों में 
कुछ बातें कर जाना 

  -किरन सिंह