हम दूर कहीं जाएँ
दोनों ही प्रेमी
अपनी दुनिया पाएँ
-किरन सिंह
होगी अब कुड़माई
सोच रही सरसों
मन ही मन शरमाई
-विद्या चौहान
होता है मौन मुखर
शब्दों से ज्यादा
रखता पुरजोर असर
-सुधा राठौर
होली तो अब हो ली
रंग गुलाल लिए
आई छलिया टोली
-किरन सिंह
है कैसी डगर जीवन
ठोकर ही ठोकर
बस उलझन ही उलझन
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
हँस-हँसकर वार करे
भोली-सी सजनी
जीना दुश्वार करें
-नेहा कटारा पाण्डेय
हर हार सिखाती है
ग़लती सुधरी तो
मंज़िल मिल जाती है
-नेहा कटारा पाण्डेय
होली में तुम आना
टोली में घुस कर
हमजोली बन जाना
-शेख़ शहज़ाद उस्मानी
हम भारत के वासी
मन में रहती है
गंगा, मथुरा, काशी
-डॉ. नितीन उपाध्ये
होली के रंग उड़े
नयनों की नगरी
सुख सपने आन जुड़े
-शशि पाधा
होठों को रहने दो
बातें हैं दिल की
आँखों से कहने दो
-हंस जैन
है कौन यहाँ अपना
जगने पर देखा
सब है झूठा सपना
-हंस जैन
होली जो आई है
याद पिया को कर
गोरी शरमाई है
-नेहा कटारा पाण्डेय
होली में ख़त मेरे
आज जला देना
फिर लेना तुम फेरे
-सुषमा चौरे
है डूबा-सा सागर
खारे पानी में
ले अश्कों की गागर
-अविनाश बागड़े
होगा जो होना है
सोचे जो कल का
तो ये पल खोना है
-डॉ. नितीन उपाध्ये
हे कमलासन माता
तेरे पूजन से
मन कलुष चला जाता
-किरन सिंह
हे माँ ऐसा कर दो
ज्ञान-चक्षु खोलो
सब में जीवन भर दो
-किरन सिंह
होलिका दहन करना
दंभ मिटा मन का
खुशियों का रंग भरना
-सोनम यादव
हम तो भोले भाले
पावन ये नैना
तुम ही दिल के काले
-अमित खरे