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2024-03-05

मद भरी जवानी है

मद भरी जवानी है
इसके ढलते बस
यादें रह जानी हैं

       -राम सागर यादव

ये दर्द किसानों का

ये दर्द किसानों का
कोई मोल नहीं
इनके अहसानों का

        -राम सागर यादव

है गंध हवाओं में

है गंध हवाओं में
देखो पसरा है
ऋतुराज फिजाओं में
 
        -राम सागर यादव

2023-06-01

चहुँ ओर अँधेरा है

चहुँ ओर अँधेरा है
धरती को फिर से
कुहरे ने घेरा है
     
-रामसागर यादव  

सूने से पनघट हैं

सूने से पनघट हैं
बिन कान्हा के अब
रीते यमुना तट हैं
           
-रामसागर यादव

पुरखों का लेखा है

पुरखों का लेखा है
कर ले आज अभी
कल किसने देखा है

-रामसागर यादव

2023-01-25

बेदर्द जमाना

बेदर्द जमाना है
तेरी पीड़ा में
ये काम न आना है

  -राम सागर यादव

आँखों में बसते हैं

आँखों में बसते हैं
सपने जीवन के
हम-आप तरसते हैं

 -राम सागर यादव

ये पूरब की लाली

ये पूरब की लाली
मिटा गयी इसको
फिर से रजनी काली

-राम सागर यादव

दिन-रात बरसते हैं

दिन-रात बरसते हैं
मेरे ये नैना
साजन में बसते हैं

  -राम सागर यादव

ये पूनम की रातें

ये पूनम की रातें
याद दिलाती हैं
वे यौवन की बातें

 -राम सागर यादव

रोशन घर-द्वार किये

रोशन घर-द्वार किये
बेटी ने देखो
आँगन गुलजार किये

-राम सागर यादव

त्यौहार अनूठा है

त्यौहार अनूठा है
करवा का, चंदा
अब रूठा-रूठा है

-राम सागर यादव

कितना अफसोस बड़ा

कितना अफसोस बड़ा
भूखा आज यहाँ
जग का भगवान पड़ा
  
-राम सागर यादव