चिड़ियाँ क्यों गाती हैं
रोज सुबह उठकर
कुछ गीत सुनाती हैं
-चन्द्रभान मैनवाल
चूड़ी कंगन बाली
लाई गोरी के
इन गालों पर लाली
-डॉ. नितीन उपाध्ये
चिड़ियाँ दाना चुगतीं
पेट भरे जितना
ना संचय कर रखतीं
-डॉ. नितीन उपाध्ये
चंदा सज धज आया
रौशन है आँगन
सँग तारे भी लाया
-किरन सिंह
चोरी चोरी चुपके
जीवन को जी लें
थोड़ा सा छुप-छुपके
-अविनाश बागड़े
चींटी सिखलाती है
चलते रहने से
मंज़िल मिल जाती है
-नेहा कटारा पाण्डेय
चाहत है यारी है
बाकी तो माना
सब दुनिया दारी है
-शिव मोहन सिंह
चल चल री ओ सजनी
चल अब लौट चले
अब बीत रही रजनी
-हंस जैन
चिड़िया उड़ जायेगी
दाना-दुनका दो
तब वापस आएगी
-डॉ. नितीन उपाध्ये
चन्दा बन जाऊँगा
दरस दिखाने को
तुझको तरसाऊँगा!
-मीनू खरे
चोला यह अति न्यारा
सारे ग्रह फीके
इकलौता तू प्यारा
-सुधा राठौर
चहुँ ओर सदा मेरे
हर इक पल हर छिन
क्यों करती हो फेरे
-सुधा राठौर
चहुँ ओर अँधेरा है
धरती को फिर से
कुहरे ने घेरा है
-रामसागर यादव
चुन-चुन के लाती है
चिड़िया तिनकों से
घर अपना बनाती है
-मधु गोयल