बरसाने की ग्वालिन
कान्हा चकराए
बनकर आयी मालिन
-सुधा राठौर
बहका-सा मौसम है
कैसे होश रहे
पलकों पे शबनम है
-अविनाश बागड़े
बस साथ निभाना है
सुख-दुख दोनों से
बढ़कर याराना है
-नेहा कटारा पाण्डेय
बासंती रंग चढ़ा
सीमा का प्रहरी
है पगड़ी बाँध खड़ा
-शर्मिला चौहान
बासंती रुत आई
देख रही बगिया
कलियों की अँगड़ाई
-मीनाक्षी कुमावत मीरा
बस ये ही तरीका है
दिल में रंग भरो
वरना सब फीका है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
बिटिया के आने से
महक उठी बगिया
पायल खनकाने से
-पूनम मिश्रा 'पूर्णिमा'
बेटी घर आयी है
रौनक है छाई
खुशियाँ भर लायी है
-रूबी दास
बादल तो पागल है
धरती की देखो
भर देता छागल है
-अंशु विनोद गुप्ता
बूँदों की लड़ियाँ हैं
धरती अम्बर को
जोड़े ये कड़ियाँ हैं
-निशा कोठारी
बाग़ों में हैं झूले
कैसे आऊँ सखि
साजन तो हैं भूले
-डॉ सुनीता यादव
बैरन हैं ये अँखियाँ
नेह लगा पिय से
छेड़ें हैं सब सखियाँ
-सोनम यादव
बादल घहराते हैं
कजरी की धुन पर
बूंदें बरसाते हैं
-जयंती कुमारी
बेटी तुझको पाया
लगता है मैंने
ख़ुद को ही दोहराया
-मीनू खरे
बाबुल की प्यारी है
महके घर आँगन
वेटी फुलवारी है
-सुनीता अग्रवाल नेह
बरगद की छाँव बड़ी
छतरी बन करके
आँगन में तान खड़ी
-मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'
बादल तो बरस गए
साजन सजनी से
मिलने को तरस गए
-डॉ. नितीन उपाध्ये
बासंती मन भाया
दहक रहा टेसू
जंगल है बौराया
-सुषमा चौरे
बचपन है मस्ताना
ना ताना बाना
खुशियों से याराना
-संतोष भाऊवाला
बागों में झूले हैं
बालम तुम बिन हम
अपनी सुध भूले हैं
-मधु गोयल