बेटी घर आयी है
रौनक है छाई
खुशियाँ भर लायी है
-रूबी दास
पाकर तुमको खोना
दुख की बातें हैं
जीवन भर का रोना
-रूबी दास
महुआ टपटप झरते
बगिया है महकी
पंछी कलरव करते
-रूबी दास
छाये बदरा काले
बिजुरी चमक रही
बारिश डेरा डाले
-रूबी दास
तुमसे उजियारा है
मैंने ये जीवन
तुम पर ही वारा है
-रूबी दास