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2024-03-09

बँटवारा तेरा था

बँटवारा तेरा था
चाँद तुम्हारा था
आकाश हमारा था

        -शिव मोहन सिंह

वो दिन भी क्या दिन थे

वो दिन भी क्या दिन थे
होठों पर नगमे
आँखों में सावन थे

        -शिव मोहन सिंह

2024-03-06

चाहत है यारी है

चाहत है यारी है
बाकी तो माना
सब दुनिया दारी है

    -शिव मोहन सिंह

2024-03-05

शाखों पर पुष्प नए

शाखों  पर पुष्प नए
पतझड़ वाले दिन 
लगता  है  बीत  गए

        -शिव मोहन सिंह

2024-03-04

आँखों को बहने दो

आँखों को बहने दो
मन की कुछ बातें
मन में ही रहने दो

        -शिव मोहन सिंह

पीड़ा को सहने दो

पीड़ा को सहने दो
चिर विरहिन प्यासी
प्यासा ही रहने दो

        -शिव मोहन सिंह

पलकों को गिरने दो

पलकों को गिरने दो
सो जाऊँ जब मैं
नीदों को सपने दो

        -शिव मोहन सिंह

2024-03-03

सुनने दो कहने दो

सुनने दो कहने दो
जख्मों पर मरहम 
बातों की रखने दो

        -शिव मोहन सिंह

2023-06-02

खेती बागानों में

खेती बागानों में
लेती अँगड़ाई
धानी परिधानों में

-शिव मोहन सिंह

दुख आकर ठहरा है

दुख आकर ठहरा है
भीगी पलकों का
बातों पर पहरा है

-शिव मोहन सिंह

2023-01-30

बहती है पुरवाई

बहती है पुरवाई
महकाये मन को
उपवन की अमराई

-शिव मोहन सिंह