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2024-04-27

ये दुनिया इक मेला

ये दुनिया इक मेला
चार दिनों के रँग
फिर संध्या की  बेला 

        -सोनम यादव

2024-04-08

आकाश धरा झूमे

आकाश-धरा झूमे 
स्वर्ण-कलश ढलका 
रवि-किरणें जल चूमें 

    -सोनम यादव

भक्ती के उजियारे

भक्ती के उजियारे 
दहन होलिका में
पाखंड-कपट हारे 

        -सोनम यादव

जग-रावन भरमाए

जग-रावन भरमाए 
नैना स्वर्ण-हिरन
मन-सीता हो जाए 

        -सोनम यादव

2024-04-05

रंगों संग मुस्काना

रंगों संग मुस्काना 
बैर भुला मन से
तन पे रंग लगवाना

        -सोनम यादव

पाखंड मिटें मन के

पाखंड मिटें मन के
दंभ जलाओ जब
होली में सब मिल के

        -सोनम यादव

आने वाला सावन

आने वाला सावन 
पीहर की सुधियाँ
लाने वाला आँगन

    -सोनम यादव

महकी है अमराई

महकी है अमराई 
बौराई अमिया
कोयल है शरमाई

        -सोनम यादव

2024-03-16

आहट फगुनाई की

आहट फगुनाई की
चितवन रंग भरे 
मस्ती पुरवाई की 

        -सोनम यादव

2024-03-11

बैरन हैं ये अँखियाँ

बैरन हैं ये अँखियाँ 
नेह लगा पिय से 
छेड़ें हैं सब सखियाँ

    -सोनम यादव

2024-03-06

बासंती फगुनाई

बासंती फगुनाई
बौराया मौसम
कोयल सँग अमराई

        -सोनम यादव

होलिका दहन करना

होलिका दहन करना
दंभ मिटा मन का
खुशियों का रंग भरना 

        -सोनम यादव

उर में मधुमास भरे

उर में मधुमास भरे 
होली का मौसम
रंगों की बात करे

        -सोनम यादव

2023-12-29

बरसा झम झम बरसे

बरसा झम झम बरसे 
सागर राह तके 
नदिया क्यों तू तरसे 

-सोनम यादव

बाबुल तेरा जाना

बाबुल  तेरा जाना 
भूल गए बचपन 
भूले हैं मुस्काना

-सोनम यादव

जब हम मुस्काते हैं

जब हम मुस्काते हैं 
हमसे हैं मौसम 
हम बादल लाते हैं

  -सोनम यादव

हम प्रेमी परवाने

हम प्रेमी परवाने 
जीवन दे करते 
उपकार न तू जाने

-सोनम यादव

जंगल घबराए हैं

जंगल घबराए हैं 
दूर हुए हमसे 
इंसाँ बौराए हैं

-सोनम यादव

महिमा गुरु की न्यारी

महिमा गुरु की न्यारी 
नित रोपें पौधे
खिलती है तब क्यारी 

-सोनम यादव

हम माटी गुरु चंदन

हम माटी गुरु चंदन 
शीश नवा कर हम
करते उनका वंदन

-सोनम यादव