गाते हैं हुरियारे
चहक उठे रे मन
होली खेलें सारे
-शेख़ शहज़ाद उस्मानी
होली में तुम आना
टोली में घुस कर
हमजोली बन जाना
-शेख़ शहज़ाद उस्मानी
माही तो रूठ गया
छत पर बैठी हूँ
दिल जैसे टूट गया
-शेख़ शहज़ाद उस्मानी
दिल सागर जैसा है
मिल जावें नदियाँ
माही तू ऐसा है
-शेख़ शहज़ाद उस्मानी