Showing posts with label *नेहा कटारा पाण्डेय. Show all posts
Showing posts with label *नेहा कटारा पाण्डेय. Show all posts

2024-04-18

मन की धुन सुन प्यारे

मन की धुन सुन प्यारे
 कहता है साँची
उस पर‌ चलता जा रे

        -नेहा कटारा पाण्डेय

2024-04-17

कल मौसम बदलेगा

कल मौसम बदलेगा
धुंध छटेगी तब
ये पारा पिघलेगा

    -नेहा कटारा पाण्डेय

2024-04-09

माटी का पुतला हूँ

माटी का पुतला हूँ
होना है माटी
ये सोच न बदला हूँ

        -नेहा कटारा पाण्डेय

2024-04-08

नारी कब हारी है

नारी कब हारी है
ऐसा तप इसका
दुनिया बलिहारी है

    -नेहा कटारा पाण्डेय

बस साथ निभाना है

बस साथ निभाना है
सुख-दुख दोनों से
बढ़कर याराना है

        -नेहा कटारा पाण्डेय

2024-04-04

दीपक जब जलता है

दीपक जब जलता है
आँधी तूफां से
वो फिर कब डरता है

        -नेहा कटारा पाण्डेय

2024-03-22

हँस-हँसकर वार करे

हँस-हँसकर वार करे
भोली-सी सजनी
जीना दुश्वार करें

    -नेहा कटारा पाण्डेय

हर हार सिखाती है

हर हार सिखाती है
ग़लती सुधरी तो
मंज़िल मिल जाती है

        -नेहा कटारा पाण्डेय

2024-03-21

ये पेड़ अजूबे हैं

ये पेड़ अजूबे हैं
देकर हरियाली
सूखे से जूझे हैं

        -नेहा कटारा पाण्डेय

2024-03-10

जुगनू जगमग करता

जुगनू जगमग करता
राह चले‌ अपनी
सूरज‌ से कब‌ डरता

       -नेहा कटारा पाण्डेय

प्रेमी सब‌ हारा है

प्रेमी सब‌ हारा है
मीठी नदिया ने
सागर स्वीकारा है

        -नेहा कटारा पाण्डेय

चींटी सिखलाती है

चींटी सिखलाती है
चलते रहने से
मंज़िल मिल जाती है

        -नेहा कटारा पाण्डेय

होली जो‌ आई है

होली जो‌ आई है
याद‌ पिया को‌ कर
गोरी शरमाई है

        -नेहा कटारा पाण्डेय

2024-03-06

मन हार नहीं माने

मन हार नहीं माने
कर्म करे जमकर
ये रार नहीं ठाने

        -नेहा‌ कटारा पाण्डेय

रिश्ते धागों जैसे

रिश्ते धागों जैसे
ज़्यादा उलझे तो
सुलझेंगे फिर‌‌ कैसे

        -नेहा कटारा पाण्डेय