Showing posts with label *प्रीति गोविंदराज. Show all posts
Showing posts with label *प्रीति गोविंदराज. Show all posts

2024-01-08

ठिठुराते अंचल में

ठिठुराते अंचल में
क्या ये साल नया
सोचे मन चंचल में?

         -प्रीति गोविंदराज

2023-08-03

संदेश हवा लाये

संदेश हवा लाये
उनके आँगन की
खुशबू बिखरा जाये

-प्रीति गोविन्दराज

2023-05-31

धुन बाजे रागों की

धुन बाजे रागों की
बुनती जब लहरें
झालर ये झागों की

-प्रीति गोविंदराज

लौ देखूँ चाहत की

लौ देखूँ चाहत की
आँखों में उनके
लूँ साँसें राहत की

-प्रीति गोविंदराज

दोनों पलड़े भारी

दोनों पलड़े भारी
पी-घर या पीहर
किस ओर झुके नारी!

-प्रीति गोविंदराज

आवारा तुम फिरते

आवारा तुम फिरते
हमसे सीखो जो 
औरों का हित करते

-प्रीति गोविन्दराज

2023-01-30

बूँदें हल्की-हल्की

बूँदें हल्की-हल्की
बरसे प्रेम-सुधा
नभ की गगरी छलकी

-प्रीति गोविंदराज

अच्छा बहलाते हो

अच्छा बहलाते हो
यूँ बनकर भोले
झट मुझे गिराते हो

-प्रीति गोविन्दराज

बन जाते हैं जोगी

बन जाते हैं जोगी
कह ऊँची बातें
ये वैभव के भोगी

-प्रीति गोविंदराज

मुस्काती अखियों से

मुस्काती अखियों से
बाँधा जो नाता
कह दूँ क्या सखियों से

-प्रीति गोविंदराज

दुखती जोड़ें भूली

दुखती जोड़ें भूली
खेलूँ पोती सँग
थोड़ी साँसें फूलीं

-प्रीति गोविंदराज

2023-01-25

हम जान नहीं पाये

हम जान नहीं पाये
दिल झूठा उनका
सच कह के पछताये

-प्रीति गोविंदराज