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2024-03-21

सदियों से घर सूना

सदियों से घर सूना
राम पधारें तो 
आनन्द मिले दूना

            -वंदना कुँअर रायज़ादा

रोगी तो मन का है

रोगी तो मन का है 
वैदा भरमाये 
ढूँढ़े वह तन का है

        -रंजना झा

राहों में खिलते हैं

राहों में खिलते हैं
फूल किनारे पर
माली बिन पलते हैं

        -अमिता शाह 'अमी'

2024-03-12

बादल तो पागल है

बादल तो पागल है
धरती की देखो
भर देता छागल है

        -अंशु विनोद गुप्ता

बूँदों की लड़ियाँ हैं

बूँदों की लड़ियाँ हैं 
धरती अम्बर को
जोड़े ये कड़ियाँ हैं 

        -निशा कोठारी

सुख का सपना होना

सुख का सपना होना
लहरों की घातें
नम नैनों से कहना

        -विभा रानी श्रीवास्तव

2024-03-11

बाग़ों में हैं झूले

बाग़ों में हैं झूले 
कैसे आऊँ सखि 
साजन तो हैं भूले

    -डॉ सुनीता यादव

कल छत पर तुम आना

कल छत पर तुम आना
मीठे बोल सुना
दिल में ही बस जाना

        -डॉo सोनी वर्मा

2024-03-10

मदहोशी का आलम

मदहोशी का आलम
छाए हो मन के
मधुबन में तुम बालम

        -अल्पा जे तन्ना

बचपन है मस्ताना

बचपन है मस्ताना 
ना ताना बाना
खुशियों से याराना

    -संतोष  भाऊवाला

फूलों संग खिलने की

फूलों संग खिलने की
मिल जाओ साजन  
आई रुत मिलने की 

        -डी के निवातिया

जननी की प्यारी है

जननी की प्यारी है
बाबुल की तनया
रिश्तों में न्यारी है

        -दया शंकर प्रसाद

जग का पालन हारा

जग का पालन हारा
भूखा बेचारा
फिरता मारा मारा

      -राय कूकणा

2024-03-06

झर-झर सावन बरसे

 झर-झर सावन बरसे
मौसम का जादू
प्रेमी मन क्यों तरसे 

        -किरन सिंह

2024-03-05

काहे का इतराना

काहे का इतराना
तन है माटी का
माटी में मिल जाना

        -हंस जैन

दुनिया का मेला है

दुनिया का मेला है 
इतने लोग मगर 
हर व्यक्ति अकेला है 

    -रेखा राजवंशी 

दिल सागर जैसा है

दिल सागर जैसा है
मिल जावें नदियाँ
माही तू ऐसा है

-शेख़ शहज़ाद उस्मानी

2024-03-04

छत पर चहकी चिड़िया

छत पर चहकी चिड़िया
भोर हुई साथी
अब आये न निंदिया

          -डा० मंजू यादव

संदेशे जो लाएँ

संदेशे जो लाएँ
सुखद हवाएँ वो
मन शीतल कर जाएँ

        -शर्मिला चौहान

दर्पण सच कहता है

दर्पण सच कहता है
मान लिया लेकिन
पूरा कब कहता है

        -तनवीर आलम