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2024-01-08

बदरी छा जाती है

बदरी छा जाती है
सावन में बिटिया
माँ के घर आती है

            -अमिषा अनेजा

2023-12-29

कारे धुँधुआरे हैं

कारे धुँधुआरे हैं
हलधर को बदरा
प्रानों से प्यारे हैं

            -अमिषा अनेजा

2023-11-23

हम उमड़े आए हैं

हम उमड़े आये हैं
झोली में अपनी
जीवन जल लाये हैं

-अमिषा अनेजा

2023-08-04

मेघा तुम आ जाओ

मेघा तुम आ जाओ
बालक हम छोटे
पानी बरसा जाओ     

-अमिषा अनेजा 

2023-06-02

हलधर का श्रम चमके

हलधर का श्रम चमके
बादल तू बरसे
माटी का मन महके

-अमिषा अनेजा

खेतों की हरियाली

खेतों की हरियाली
तुम न अगर बरसो
कैसे हो खुशहाली!            

-अमिषा अनेजा