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2024-04-08

दिल से दिल मिलते हैं

दिल से दिल मिलते हैं
रंग भरे मौसम 
सपनों के खिलते हैं

        -आभा खरे

देखो भर मत सपने

देखो भर मत सपने
वो तरकीब करो
सब सपने हों अपने

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

2024-04-04

दीपक जब जलता है

दीपक जब जलता है
आँधी तूफां से
वो फिर कब डरता है

        -नेहा कटारा पाण्डेय

2024-03-21

दुःख-सुख का रेला है

दुःख-सुख का रेला है
चार दिनों का ही
दुनिया का मेला है!

        -मधु गोयल

2024-03-05

दिल तोड़ गया सपना

दिल तोड़ गया सपना
निंदिया भागी यूँ
ज्यों रूठ गया अपना

     -डॉ. मंजू यादव

दिन कैसा ये आया

दिन कैसा ये आया
साथ नहीं कोई
केवल अपना साया

    -विद्या चौहान

दीपक की ज्योति जली

दीपक की ज्योति जली
जुगनू भी चमके
 महकी ये रात कली 

        -पूनम मिश्रा 'पूर्णिमा'

दुनिया का मेला है

दुनिया का मेला है 
इतने लोग मगर 
हर व्यक्ति अकेला है 

    -रेखा राजवंशी 

दिल सागर जैसा है

दिल सागर जैसा है
मिल जावें नदियाँ
माही तू ऐसा है

-शेख़ शहज़ाद उस्मानी

दुनिया के मेले में

दुनिया  के मेले में
सपने खोज रहे
हम आप अकेले में

    -पूनम मिश्रा पूर्णिमा 

दो रोज जवानी है

दो रोज जवानी है
इठला मत पगले
इक दिन उड़ जानी है

        -ईप्सा यादव

2024-03-04

दर्पण सच कहता है

दर्पण सच कहता है
मान लिया लेकिन
पूरा कब कहता है

        -तनवीर आलम

दिल को काबू कर लो

दिल को काबू कर लो
अच्छी सोच रखो
ढ़ेरों खुशियाँ भर लो

    -डॉ. रेशमा हिंगोरानी

2024-01-08

दिन वर्ष भले बढ़ते

दिन वर्ष भले बढ़ते 
अनुभव यात्रा के 
अध्याय नये जुड़ते  
        
          -मीतू कानोडिया

2023-12-29

दीवारें बोल रहीं

दीवारें बोल रहीं
कान लगा के सुन
ये हमको तोल रहीं

-अविनाश बागड़े

2023-08-03

दूँगी सबको दाना

दूँगी सबको दाना
भूख लगी तुमको
हाँ, मैंने ये माना

-आभा खरे

2023-08-02

दुनिया के मेले में

दुनिया के मेले में
लाखों लोग मिलें
पड़ना न झमेले में 

-अन्नदा पाटनी

देहों के रिश्ते हैं

देहों के रिश्ते हैं
आज नहीं तो कल
आँखों से रिसते हैं

-निवेदिताश्री  

2023-06-02

दुख आकर ठहरा है

दुख आकर ठहरा है
भीगी पलकों का
बातों पर पहरा है

-शिव मोहन सिंह

दुश्मन डाले डेरा

दुश्मन डाले डेरा
शातिर गिद्धों का
जंगल में है फेरा

-आभा खरे