कविता की पाठशाला
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*सूरजमणि स्टेला कुजूर
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*सूरजमणि स्टेला कुजूर
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2024-03-06
बाबा की लाठी है
बाबा की लाठी है
भाई की राखी
माँ सी कद काठी है
-डा. सूरजमणि स्टेला कुजूर
2024-03-03
उड़-उड़कर तुम आतीं
उड़-उड़कर तुम आतीं
फूलों को छूकर
क्या बातें कर जातीं
-डा. सूरजमणि स्टेला कुजूर
अंकुर बन कर फूटी
अंकुर बन कर फूटी
मेरे मानस में
बन जीवन की बूटी
-डॅा. सूरजमणि स्टेला कुजूर
बादल बरसे काले
बादल बरसे काले
प्यासी धरती को
जीवन देने वाले
-डॅा. सूरजमणि स्टेला कुजूर
2023-01-30
विपदा है अति भारी
विपदा है अति भारी
संकट दूर करो
हे मोहन गिरधारी !
-डा. सूरजमणि स्टेला कुजूर
2023-01-25
लम्हा है हर भारी
लम्हा है हर भारी
यादों में आती
बचपन की किलकारी
-डा. सूरजमणि स्टेला कुजूर
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