कल मौसम बदलेगा
धुंध छटेगी तब
ये पारा पिघलेगा
-नेहा कटारा पाण्डेय
क्या प्यार का जादू है
सारी दिशाओं में
तेरी ही ख़ुशबू है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
कुछ टूटे सपने हैं
कुछ धुंधली यादें
बस ये ही अपने हैं
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
कुछ बात करो साथी
खामोशी क्यों है
कुछ समझ नहीं आती
-हंस जैन
कच्चे घर प्यारे थे
उनमें प्यार बसा
वे लगते न्यारे थे
-किरन सिंह
क्या हँसी-ठिठोली थी
बाबुल के अँगना
हर रुत ही होली थी
-शशि पाधा
कजरा बह जाता है
तेरी याद लिए
गजरा रह जाता है
-डॉ. मंजू यादव
कलियाँ मुस्काती हैं
देख के भँवरे को
खुद पे इतराती हैं
-आलोक मिश्रा
कुछ कहते कुछ सुनते
उल्फ़त में हम तुम
इक ख़्वाब हसीं बुनते
-आभा खरे
कल छत पर तुम आना
मीठे बोल सुना
दिल में ही बस जाना
-डॉo सोनी वर्मा
कुमकुम पायल कँगना
उड़ने में लाडो
बंधन अब कोई ना
-सुनीता अग्रवाल नेह
काग़ज की नावों में
बह के जाता है
मन मेरा गाँवों में
-डॉ. नितीन उपाध्ये
कान्हा मथुरा आये
प्रेम गोपियों का
यादों में ले आये
-किरन सिंह
कलियाँ खिल जातीं हैं
प्रेम राग सुनकर
भँवरों सँग गातीं हैं
-किरन सिंह
काहे का इतराना
तन है माटी का
माटी में मिल जाना
-हंस जैन
कितने दिन बीते हैं
बतियाये तुमसे
मन के घट रीते हैं
-अचला झा
कितने भी हों पहरे
आकर फूलों से
करते बातें भँवरे
-डॉ. मंजू यादव
क्यों पीछा करते हो
क्या घर बार नहीं
आवारा फिरते हो !
-अमित खरे
क्यों रोज़ सताते हो
इक पल दिख जाते
दूजे छिप जाते हो
-शशि पाधा
कागा बोले जम के
आएगा कोई
देखो थोड़ा थम के
-अविनाश बागड़े