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2024-04-17

कल मौसम बदलेगा

कल मौसम बदलेगा
धुंध छटेगी तब
ये पारा पिघलेगा

    -नेहा कटारा पाण्डेय

2024-04-08

क्या प्यार का जादू है

क्या प्यार का जादू है
सारी दिशाओं में
तेरी ही ख़ुशबू है

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

कुछ टूटे सपने हैं

कुछ टूटे सपने हैं
कुछ धुंधली यादें
बस ये ही अपने हैं

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

2024-04-05

कुछ बात करो साथी

कुछ बात करो साथी
खामोशी क्यों है 
कुछ समझ नहीं आती

            -हंस जैन

2024-03-31

कच्चे घर प्यारे थे

कच्चे घर प्यारे थे 
उनमें प्यार बसा
वे लगते न्यारे थे 

  -किरन सिंह

2024-03-16

क्या हँसी-ठिठौली थी

क्या हँसी-ठिठोली थी
बाबुल के अँगना
हर रुत ही होली थी 

-शशि पाधा

2024-03-11

कजरा बह जाता है

कजरा बह जाता है
तेरी याद लिए
गजरा रह जाता है

    -डॉ. मंजू यादव

कलियाँ मुस्काती हैं

कलियाँ मुस्काती हैं
देख के भँवरे को
खुद पे इतराती हैं

   -आलोक मिश्रा

कुछ कहते कुछ सुनते

कुछ कहते कुछ सुनते 
उल्फ़त में हम तुम 
इक ख़्वाब हसीं बुनते 

        -आभा खरे

कल छत पर तुम आना

कल छत पर तुम आना
मीठे बोल सुना
दिल में ही बस जाना

        -डॉo सोनी वर्मा

2024-03-10

कुमकुम पायल कँगना

कुमकुम पायल कँगना
उड़ने में लाडो 
बंधन अब कोई ना 

    -सुनीता अग्रवाल नेह

काग़ज की नावों में

काग़ज की नावों में 
बह के जाता है 
मन मेरा गाँवों में 

    -डॉ. नितीन उपाध्ये

कान्हा मथुरा आये

कान्हा मथुरा आये 
प्रेम गोपियों का
यादों में ले आये

    -किरन सिंह

कलियाँ खिल जातीं हैं

कलियाँ खिल जातीं हैं 
प्रेम राग सुनकर
भँवरों सँग गातीं हैं 

  -किरन सिंह

2024-03-05

काहे का इतराना

काहे का इतराना
तन है माटी का
माटी में मिल जाना

        -हंस जैन

कितने दिन बीते हैं

कितने दिन बीते हैं
बतियाये तुमसे
मन के घट रीते हैं

        -अचला झा

कितने भी हों पहरे

कितने भी हों पहरे
आकर फूलों से
करते बातें भँवरे

        -डॉ. मंजू यादव

क्यों पीछा करते हो

क्यों पीछा करते हो
क्या घर बार नहीं
आवारा फिरते हो !

    -अमित खरे

क्यों रोज़ सताते हो

क्यों रोज़ सताते हो
इक पल दिख जाते
दूजे छिप जाते हो 

        -शशि पाधा

2024-03-04

कागा बोले जम के

कागा बोले जम के
आएगा कोई
देखो थोड़ा थम के

        -अविनाश बागड़े