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2024-04-09

पनघट पर छूट गया

पनघट पर छूट गया
दिल चुपके कोई
हँस करके लूट गया

    -मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'

2024-04-08

पीड़ाओं का घर है

पीड़ाओं का घर है
जो भी है दुनिया
रहना तो यहीं पर है

-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी

2024-04-05

पाखंड मिटें मन के

पाखंड मिटें मन के
दंभ जलाओ जब
होली में सब मिल के

        -सोनम यादव

2024-03-31

पर्वत-घाटी छोड़े

पर्वत-घाटी छोड़े 
सागर से मिलने 
नदिया भागे-दौड़े 

        -डॉ. नितीन उपाध्ये

2024-03-22

पल-पल का रस पी ले

पल-पल का रस पी ले
कल किसने देखा
आ ! आज अभी जी ले

            -हंस जैन

2024-03-17

परदेसी घर आजा

परदेसी घर आजा
बहुत कमाया धन
माँ तकती दरवाजा

        -सुषमा चौरे

2024-03-11

पा कर भी जब खोना

पा कर भी जब खोना
टूटे सपनों का 
फिर क्या रोना धोना ?

        -आनन्द.पाठक

2024-03-10

प्रेमी सब‌ हारा है

प्रेमी सब‌ हारा है
मीठी नदिया ने
सागर स्वीकारा है

        -नेहा कटारा पाण्डेय

पाकर भी कुछ खोना

पाकर भी कुछ खोना
नदियों से सीखा
हमनें सागर होना

        -हंस जैन

पाकर तुमको खोना

पाकर तुमको खोना
दुख की बातें हैं 
जीवन भर का रोना

        -रूबी दास

पीहर की बात चली

पीहर की बात चली
कैसे ना बोलूँ 
ममता ही वहाँ पली 

  -किरन सिंह

2024-03-09

पाई-पाई जोड़े

पाई-पाई जोड़े
विपदा आये तो
माँ गुल्लक को फोड़े

        -मधु गोयल

पुरवाई रात बही

पुरवाई रात बही 
संग उड़ी लेकर 
बातें जो थीं न कही

        -आभा खरे

2024-03-06

परदेस गए सजना

परदेस गए सजना
दिन सावन के है
किससे ये गम कहना

    -अविनाश बागड़े

पाखी चुगती दाना

पाखी चुगती दाना
छोड़ हृदय अँगना
इक दिन है उड़ जाना

        -विद्या चौहान

पीली पगड़ी पहने

पीली पगड़ी पहने
ऋतुओं का राजा
आया मन को हरने

        -मधु गोयल

2024-03-05

पाया है तुम्हें जब से

पाया है तुम्हें जब से
भाग्य बड़ा अपना
प्यारा लगता तब से 

        -सुरंगमा यादव

पूरब में रवि आया

पूरब में रवि आया 
सोना हाथों से
कण-कण में बिखराया

           -रीमा दीवान चड्ढा

पेड़ों की बात सुनों

पेड़ों की बात सुनों 
कहते क्या हमसे 
इनके जज्बात बुनो

        -अनुपमा झा

2024-03-04

पीड़ा को सहने दो

पीड़ा को सहने दो
चिर विरहिन प्यासी
प्यासा ही रहने दो

        -शिव मोहन सिंह