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2024-03-11

कलियाँ मुस्काती हैं

कलियाँ मुस्काती हैं
देख के भँवरे को
खुद पे इतराती हैं

   -आलोक मिश्रा

2024-03-03

आँखों ही आँखों में

आँखों ही आँखों में 
हम दिल दे बैठे 
बातों ही बातों में

    -आलोक मिश्रा

पौधों पर फूल खिले

पौधों पर फूल खिले
अब फल आने के
सुन्दर सन्देश मिले 

      -आलोक मिश्रा

2023-01-30

जाड़े का मौसम है

जाड़े का मौसम है
सर्दी के मारे
सूरज भी गुमसुम है 

-आलोक मिश्रा

जिस-जिस ने ज्ञान दिया

जिस-जिस ने ज्ञान दिया
सबको ही मैंने
अपना गुरु मान लिया

-आलोक मिश्रा

2023-01-25

अम्बर, सागर, धरती

अम्बर, सागर, धरती
सूरज और हवा
इनसे दुनिया सजती

-आलोक मिश्रा