तुम दूर न अब जाना
होली का मौसम
मन मेरा रँग जाना
-किरन सिंह
तालाब बहुत गहरा
तट ने बाँध रखा
चुपचाप वहीं ठहरा
-अमिता शाह 'अमी'
तू मेरी सौग़ातें
तू ही तो सपना
मीठी तेरी बातें
-डॉ. सुनीता यादव
तारा नभ से टूटा
राज बताना तुम
वो काहे को रूठा
-अविनाश बागड़े
तुमसे ही जीवन है
कहने को बिटिया
अम्मा जैसा मन है
-निवेदिताश्री
तुम मान बढ़ाती हो
दोनों ही कुल की
तुम शान बढ़ाती हो
-आशा मोर
तुमको जबसे खोया
यादों में तेरी
मन सिसक-सिसक रोया
-हंस जैन
तेरे सँग-सँग सजनी
कब दिन बीत गया
कब बीत गई रजनी
-हंस जैन
तुमको अपना माना
दूर हुए जब तुम
तब ही तुमको जाना
-डॉ. अनिल सक्सेना
तेरे मेरे सपने
जाने कब होंगे
सच में पूरे अपने
-हंस जैन
तुम शाम ढले आना
आँखों आँखों में
कुछ बातें कर जाना
-किरन सिंह
तुमसे उजियारा है
मैंने ये जीवन
तुम पर ही वारा है
-रूबी दास
तरसा लो तुम सइयाँ
जब दिख जाओगे
धर लूँगी मैं बइयाँ
-निवेदिताश्री
तारा कोई टूटा
क्या माँगें उससे
उसका ही घर छूटा
-अविनाश बागड़े
तम की पगड़ी काली
टाँक रहा चन्दा
मौरी हीरे वाली
-सुधा राठौर
तन माटी का पुतला
ढल ही जाना है
कितना भी हो उजला
-सुधा राठौर
तितली उड़ के जाना
पौधे हैं जीवन
मानुष को समझाना
-बुशरा तबस्सुम
तितली से गुल बोला
भाता है तेरा
रंगों वाला चोला
-बुशरा तबस्सुम
तेरे ना आने से
हो जाती चिन्ता
ना जाने किस भय से
-आर. बी. अग्रवाल
तुम मेरे बच्चे हो
ले लूँ आँचल में
दुनिया से अच्छे हो
-आशा मोर