जब उम्र ये पूरी है
अमृत क्यों खोजूँ
मरना भी ज़रूरी है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
जीवन वो कहानी है
जितनी जान सके
उतनी अनजानी है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
है कैसी डगर जीवन
ठोकर ही ठोकर
बस उलझन ही उलझन
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
इस दर्द की बस्ती में
खो जाऊँ कैसे
अपनी ही मस्ती में
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
जीवन इक लोरी है
झूला सपनों का
औ वक्त की डोरी है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
विश्वास करो मेरा
जिस से जिंदा हूँ
वो प्यार है बस तेरा
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
पीड़ाओं का घर है
जो भी है दुनिया
रहना तो यहीं पर है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
मायूसी छलकेगी
तोड़ लो आईने
ये शक्ल न बदलेगी
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
क्या प्यार का जादू है
सारी दिशाओं में
तेरी ही ख़ुशबू है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
कुछ टूटे सपने हैं
कुछ धुंधली यादें
बस ये ही अपने हैं
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
वोटों की मेहरबानी
‘अपराधी जी’ की
संसद में अगवानी
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
शासन यूँ चलता था
भेष बदल.. राजा
गलियों में टहलता था
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
मरुथल तो तरसता है
आवारा बादल
सागर पे बरसता है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
बस ये ही तरीका है
दिल में रंग भरो
वरना सब फीका है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
देखो भर मत सपने
वो तरकीब करो
सब सपने हों अपने
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
जो लोग शिखर पर हैं
काश उन्हें देखें
जो नींव के पत्थर हैं
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
वो भी दुख ढोता है
बारिश के ज़रिये
ईश्वर भी रोता है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी