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2024-03-05

है गंध हवाओं में

है गंध हवाओं में
देखो पसरा है
ऋतुराज फिजाओं में
 
        -राम सागर यादव

हो लगन अगर सच्ची

हो लगन अगर सच्ची
कुंदन-सी निखरे
हर एक विधा कच्ची

        -सुधा राठौर

2024-03-04

है सफर पहाड़ों का

है सफर पहाड़ों का
सूरज की छुट्टी
मौसम है जाड़ों का 

        -डा० जगदीश व्योम

हे माँ तुम ही बोलो

हे माँ तुम ही बोलो
दिखती राह नहीं
कुछ द्वार नए खोलो

        -आशा पांडेय

2024-03-03

हम तो बंजारे हैं

हम तो बंजारे हैं
इत-उत फिरते हैं
औरों से न्यारे हैं 

        -शशि पाधा

हरियाली छाई है

हरियाली छाई है
ओढ़ हरी चुनरी
धरती इतराई है

        -योगेन्द्र वर्मा

हम पंजाबी कुड़ियाँ

हम पंजाबी कुड़ियाँ
शोला हैं शोला
समझो मत फुलझड़ियाँ

        -सुधा राठौर

2023-12-29

हम प्रेमी परवाने

हम प्रेमी परवाने 
जीवन दे करते 
उपकार न तू जाने

-सोनम यादव

हम माटी गुरु चंदन

हम माटी गुरु चंदन 
शीश नवा कर हम
करते उनका वंदन

-सोनम यादव

हम दिल से मिलते हैं

हम दिल से मिलते हैं 
वादे फूलों से 
यादों में खिलते हैं 

-सोनम यादव

2023-11-23

हम उमड़े आए हैं

हम उमड़े आये हैं
झोली में अपनी
जीवन जल लाये हैं

-अमिषा अनेजा

2023-08-01

हिम्मत ना हारेंगे

हिम्मत ना हारेंगे
नीड़ नया फिर से
हम मिल के बनाएँगे

-मधु गोयल

2023-06-02

हलधर का श्रम चमके

हलधर का श्रम चमके
बादल तू बरसे
माटी का मन महके

-अमिषा अनेजा

2023-06-01

हो तुम तो मतवाले

हो तुम तो मतवाले
मेरे जीवन के
पर तुम ही रखवाले 

-रीमा दीवान चड्ढा

2023-05-30

है तू मेरा माही

है तू मेरा माही
संग चलूँ तेरे
मैं बनकर हमराही

-सुधा राठौर

2023-01-30

हर दर्द समेटे है

हर दर्द समेटे हैं 
खुशबू बिखराते 
हम खुद को मेटे हैं

-सोनम यादव

हाथों की लकीरों से

हाथों की लकीरों से
कह दो लिख देंगीं
किस्मत तदबीरों से

-विद्या चौहान

हेमंत-शिशिर बीते

हेमंत-शिशिर बीते
अब बसंत कहता
क्यों प्रेम कलश रीते

-सोनम यादव

होते हैं बनजारे

होते हैं बनजारे
चन्दा तारे भी
चल देते भिनसारे

-सुधा राठौर

हम चार पड़ोसी हैं

हम चार पड़ोसी हैं
उनकी नजरों में
बस हम ही दोषी हैं

-अशोक शुक्ल