कविता की पाठशाला
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2024-03-06
हे कमलासन माता
हे कमलासन माता
तेरे पूजन से
मन कलुष चला जाता
-किरन सिंह
हे माँ ऐसा कर दो
हे माँ ऐसा कर दो
ज्ञान-चक्षु खोलो
सब में जीवन भर दो
-किरन सिंह
बिटिया को जाना है
बिटिया को जाना है
छोड़ चली माँ को
ये रीत निभाना है
-किरन सिंह
झर-झर सावन बरसे
झर-झर सावन बरसे
मौसम का जादू
प्रेमी मन क्यों तरसे
-किरन सिंह
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