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2023-06-02

मन का आँगन महके

मन का आँगन महके
आने से तेरे
दिल पायल-सा खनके

-मधु गोयल

माँ भूख लगी भारी

माँ भूख लगी भारी
पहले मुझको दे
फिर मिक्की की बारी

-मधु गोयल

जाओ दाना चुगने

जाओ दाना चुगने
फ़िक्र करो ना माँ
देंगे ना घर घुसने

-मधु गोयल

2023-06-01

सुन्दर जग देखें तो

सुन्दर जग देखें तो
नील गगन में माँ
कुछ हम भी चहकें तो 

-मधु गोयल

थोड़ा तो जाने दे

थोड़ा तो जाने दे
मिलकर मित्रों से
कुछ जी बहलाने दे

-मधु गोयल

माँ शोर मचाये क्यूँ ?

माँ शोर मचाये क्यूँ ?
सोने दे थोड़ा
यूँ सुबह जगाये क्यूँ ?

-मधु गोयल

2023-01-25

रुत जाड़े की आयी

रुत जाड़े की आयी
तिल-गुड़, मेवा औ 
मिष्टान्न कई लायी

-मधु गोयल

बासंती रुत आयी

बासंती रुत आयी
ओढ़ चुनर धानी
वसुधा फिर इतरायी!

-मधु गोयल