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2024-03-04

ज़ख्मी उसकी छाती

ज़ख्मी उसकी छाती
बाँसुरिया फिर भी
क्यों गान मधुर गाती

        -सुधा राठौर

सूनी-सूनी रातें

सूनी-सूनी रातें
याद बहुत आए
बातों की बारातें

        -सुधा राठौर

गोरी के दो नैना

गोरी के दो नैना
लूट गए मुझको
बिन बोले कुछ बैना

        -सुधा राठौर

रूठे जो तुम सजना

रूठे जो तुम सजना
भूल गए देखो
कंगना चूड़ी बजना

        -सुधा राठौर

तम की पगड़ी काली

तम की पगड़ी काली
टाँक रहा चन्दा
मौरी हीरे वाली

        -सुधा राठौर

तन माटी का पुतला

तन माटी का पुतला 
ढल ही जाना है 
कितना भी हो उजला

        -सुधा राठौर

2024-03-03

साँसों की मणिमाला

साँसों की मणिमाला
आकर पल में ही
तोड़े यम मतवाला

        -सुधा राठौर

सखियाँ मारें ताना

सखियाँ मारें ताना 
हाय,सहूँ कैसे
सावन का बौराना

        -सुधा राठौर

यह जीवन का मेला

यह जीवन का मेला
माया में खोया
यह दो पल का खेला

        -सुधा राठौर

प्रेमी मन की भाषा

प्रेमी मन की भाषा
आँखें पढ़तीं हैं
साथी की अभिलाषा

        -सुधा राठौर

बच्चों सी नादानी

बच्चों-सी नादानी
वृद्धावस्था को
करने दो मनमानी

        -सुधा राठौर

हम पंजाबी कुड़ियाँ

हम पंजाबी कुड़ियाँ
शोला हैं शोला
समझो मत फुलझड़ियाँ

        -सुधा राठौर

रंगत स्वर्णिम पायी

रंगत स्वर्णिम पायी
मतवाली सरसों
तब ही तो इठलायी

        -सुधा राठौर

तन पर सौ-सौ पहरे

तन पर सौ-सौ पहरे
लेकिन मन-पाखी
कब एक जगह ठहरे!

        -सुधा राठौर

2024-03-01

सूरज से प्रीति करे

सूरज से प्रीति करे
सूर्यमुखी इकटक
उसका ही दीद करे

-सुधा राठौर

माथे पर सलवट है

माथे पर सलवट है
चिन्ता के वश में
बापू की करवट है

-सुधा राठौर

बचपन रूठा जबसे

बचपन रूठा जबसे
निश्छल इक साथी
ढूँढे न मिला तबसे

-सुधा राठौर

गर फूलों से यारी

गर फूलों से यारी
सहनी पड़ती है
काँटों की दुश्वारी

-सुधा राठौर

कण्डे सुलगाती है

कण्डे सुलगाती है
सर्दी में माई
लिट्टी महकाती है

    -सुधा राठौर

2024-01-08

कुहरे के आँचल में

कुहरे के आँचल में
अलसाया सूरज
दुबका है बादल में 

          -सुधा राठौर