मौसम आते जाते
चलते जीवन में
यादों को सहलाते
-विद्या चौहान
वो चाँद शरद चहका
जादू क्या रुत में
रहता बहका बहका
-विद्या चौहान
माटी का पुतला हूँ
होना है माटी
ये सोच न बदला हूँ
-नेहा कटारा पाण्डेय
जो लोग चले जाते
इस दुनिया से जब
वो लौट के कब आते
-मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'
पनघट पर छूट गया
दिल चुपके कोई
हँस करके लूट गया
-मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'
मौसम ने हद कर दी
घूम रहा पहने
वो सर्दी की वर्दी
-आभा खरे
होगी अब कुड़माई
सोच रही सरसों
मन ही मन शरमाई
-विद्या चौहान
मौसम मनरूप लिये
आँगन उतरी है
बासंती धूप प्रिये
-आभा खरे
बरसाने की ग्वालिन
कान्हा चकराए
बनकर आयी मालिन
-सुधा राठौर
होता है मौन मुखर
शब्दों से ज्यादा
रखता पुरजोर असर
-सुधा राठौर
मौसम कैसा आया
घातक रोगों से
मेरा मन घबराया
-डॉ. मंजू यादव
अतरंगी वो वादे
ढ़लते ख्वाबों में
कुछ पूरे कुछ आधे
-अचला झा
दिल से दिल मिलते हैं
रंग भरे मौसम
सपनों के खिलते हैं
-आभा खरे
बहका-सा मौसम है
कैसे होश रहे
पलकों पे शबनम है
-अविनाश बागड़े
साँसों का तराना है
जब तक है संग में
हमको तो गाना है
-रीमा दीवान चड्ढा
आलम ये मत पूछो
क्या-क्या जतन किये
मिलने को, मत पूछो !
-आभा खरे
भौंरे मन के काले
चूमें कली-कली
पीते मय के प्याले
-डॉ. अनिल सक्सेना
नारी कब हारी है
ऐसा तप इसका
दुनिया बलिहारी है
-नेहा कटारा पाण्डेय
जब हिल-मिल जातीं हैं
सास-बहू मिलकर
घर स्वर्ग बनातीं हैं
-डॉ. नितीन उपाध्ये
आशीषों को पाऊँ
जीवन के पथ पर
आगे बढ़ती जाऊँ
-वंदना कुँअर रायज़ादा