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2024-04-09

मौसम आते जाते

मौसम आते जाते
चलते जीवन में
यादों को सहलाते

        -विद्या चौहान

वो चाँद शरद चहका

वो चाँद शरद चहका
जादू क्या रुत में
रहता बहका बहका

        -विद्या चौहान

माटी का पुतला हूँ

माटी का पुतला हूँ
होना है माटी
ये सोच न बदला हूँ

        -नेहा कटारा पाण्डेय

जो लोग चले जाते

जो लोग चले जाते
इस दुनिया से जब
वो लौट के कब आते

    -मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'

पनघट पर छूट गया

पनघट पर छूट गया
दिल चुपके कोई
हँस करके लूट गया

    -मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'

मौसम ने हद कर दी

मौसम ने हद कर दी 
घूम रहा पहने 
वो सर्दी की वर्दी

        -आभा खरे

होगी अब कुड़माई

होगी अब कुड़माई
सोच रही सरसों
मन ही मन शरमाई

        -विद्या चौहान

मौसम मनरूप लिये

मौसम मनरूप लिये 
आँगन उतरी है 
बासंती धूप प्रिये 

        -आभा खरे

बरसाने की ग्वालिन

बरसाने की ग्वालिन
कान्हा चकराए
बनकर आयी मालिन

        -सुधा राठौर

होता है मौन मुखर

होता है मौन मुखर
शब्दों से ज्यादा
रखता पुरजोर असर

        -सुधा राठौर

2024-04-08

मौसम कैसा आया

मौसम कैसा आया
घातक रोगों से
मेरा मन घबराया

        -डॉ. मंजू यादव

अतरंगी वो वादे

अतरंगी वो वादे
ढ़लते ख्वाबों में
कुछ पूरे कुछ आधे

        -अचला झा

दिल से दिल मिलते हैं

दिल से दिल मिलते हैं
रंग भरे मौसम 
सपनों के खिलते हैं

        -आभा खरे

बहका-सा मौसम है

बहका-सा मौसम है
कैसे होश रहे
पलकों पे शबनम है

        -अविनाश बागड़े

साँसों का तराना है

साँसों का तराना है
जब तक है संग में
हमको तो गाना है
  
        -रीमा दीवान चड्ढा

आलम ये मत पूछो

आलम ये मत पूछो
क्या-क्या जतन किये
मिलने को, मत पूछो !

        -आभा खरे

भौंरे मन के काले

भौंरे मन के काले 
चूमें कली-कली 
पीते मय के प्याले 

        -डॉ. अनिल सक्सेना

नारी कब हारी है

नारी कब हारी है
ऐसा तप इसका
दुनिया बलिहारी है

    -नेहा कटारा पाण्डेय

जब हिल-मिल जातीं हैं

जब हिल-मिल जातीं हैं 
सास-बहू मिलकर 
घर स्वर्ग बनातीं हैं 

        -डॉ. नितीन उपाध्ये

आशीषों को पाऊँ

आशीषों को पाऊँ
जीवन के पथ पर 
आगे बढ़ती जाऊँ

        -वंदना कुँअर रायज़ादा