खेतों की हरियाली
तुम न अगर बरसो
कैसे हो खुशहाली!
-अमिषा अनेजा
माँ भूख लगी भारी
पहले मुझको दे
फिर मिक्की की बारी
-मधु गोयल
जाओ दाना चुगने
फ़िक्र करो ना माँ
देंगे ना घर घुसने
-मधु गोयल
दुश्मन डाले डेरा
शातिर गिद्धों का
जंगल में है फेरा
-आभा खरे
अब देंगे छोड़ नशा
बिटिया की खातिर
घर आँगन आज हँसा
-त्रिलोचना कौर
इतना न घमण्ड करो
गुण-अवगुण सब में
ईश्वर से तनिक डरो
-अमित खरे
कर वादा एक अभी
दारू गुटका को
छूएगा नहीं कभी
-निवेदिताश्री
आये तेरे द्वारे
रब के जैसा तू
हम जीवन से हारे
-त्रिलोचना कौर
रब पर विश्वास करो
दूत उसी के हम
सच्ची तुम आस धरो
-निवेदिताश्री
माना तू है ज्वाला
सहनशक्ति मुझ में
मैंने खुद को ढाला
-रीमा दीवान चड्ढा
तुम भूल नहीं जाना
देने लेने की
यह रीत निभा जाना
-सुधा राठौर
चोला यह अति न्यारा
सारे ग्रह फीके
इकलौता तू प्यारा
-सुधा राठौर
क्यों चन्दा इठलाता
मुझसे ही रौशन
वो ग्रहण लगा जाता
-सुधा राठौर
दिल मेरा जलता है
अपनी ज्वाला से
हर वक़्त दहकता है
-सुधा राठौर
चहुँ ओर सदा मेरे
हर इक पल हर छिन
क्यों करती हो फेरे
-सुधा राठौर
ये प्रीत अनोखी है
तुझसे ही सजना
मुझमें भी शोखी है
-रीमा दीवान चड्ढा
तुम सुबह जगाते हो
मेरी गलियों में
क्यों तुम आ जाते हो
-रीमा दीवान चड्ढा
हो तुम तो मतवाले
मेरे जीवन के
पर तुम ही रखवाले
-रीमा दीवान चड्ढा
सुन्दर जग देखें तो
नील गगन में माँ
कुछ हम भी चहकें तो
-मधु गोयल
थोड़ा तो जाने दे
मिलकर मित्रों से
कुछ जी बहलाने दे
-मधु गोयल