मधुमास मधुर छाया
मन के उपवन में
कोकिल बन तू आया
-सुरंगमा यादव
मन की गति न्यारी है
पकड़ नहीं आए
कैसी लाचारी है
-सुधा राठौर
मौसम करवट बदले
हलचल है मन में
भौरों का दिल मचले
-सुषमा चौरे
माँ सब कुछ सहती है
प्रीत उसी माँ की
साँसों में बहती है
-किरन सिंह
मदहोशी का आलम
छाए हो मन के
मधुबन में तुम बालम
-अल्पा जे तन्ना
महुआ टपटप झरते
बगिया है महकी
पंछी कलरव करते
-रूबी दास
मन नेह नयन पानी
माँ का घर छोड़े
प्रिय की बनने रानी
-दया शंकर प्रसाद
मधुमास सकल आया
फूल खिले दिल के
लो भँवरा मँडराया
-पूनम मिश्रा 'पूर्णिमा'
माही तो रूठ गया
छत पर बैठी हूँ
दिल जैसे टूट गया
-शेख़ शहज़ाद उस्मानी
सरसों अब पियराई
ऋतु वसंत में जब
पाती पिय की आई
-किरन सिंह
मन हार नहीं माने
कर्म करे जमकर
ये रार नहीं ठाने
-नेहा कटारा पाण्डेय
माटी मिल जाएगी
आत्मा तो नश्वर
नव तन ले आएगी
-निवेदिताश्री
मद भरी जवानी है
इसके ढलते बस
यादें रह जानी हैं
-राम सागर यादव
मीठी ये यादें हैं
तेरे सावन की
तन मन तड़पाती हैं
-डॉ.संजय सराठे
मुँह ढँककर सोया है
सूरज बेचारा
बादल में खोया है
-सुधा राठौर
माई को जब देखा
कहती है दुनिया
हमने तो रब देखा
-अविनाश बागड़े
माँ ऐसी होती है
बच्चों की खातिर
गीले में सोती है
-डॉ. मंजू यादव
मेहंदी रंग लाएगी
देख हथेली को
दुल्हन मुस्काएगी
-अविनाश बागड़े
माँ अब तक ना आयी
शाम हुई अब तो
बदरी भी है छायी
-आराधना श्रीवास्तव
माँ जल्दी आ जाओ
भूखे तड़प रहे
दाना चुनकर लाओ
-आराधना श्रीवास्तव