बहुत ही मार्मिक रचना। आजकल के संदर्भ और परिदृश्य में ऐसा ही है मॉंओं के साथ। पिताओं के साथ भी। हार्दिक बधाई आदरणीया सुषमा चौरे जी।- शेख़ शहज़ाद उस्मानी, शिवपुरी (मध्यप्रदेश)
बहुत ही मार्मिक रचना। आजकल के संदर्भ और परिदृश्य में ऐसा ही है मॉंओं के साथ। पिताओं के साथ भी। हार्दिक बधाई आदरणीया सुषमा चौरे जी।
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