बहुत ही महत्वपूर्ण व सूक्ष्म अवलोकन और चिंतन आधारित विचारोत्तेजक आकर्षक सृजन। ऐसे दृश्य अक्सर उपेक्षित रह जाते हैं। देखा जाए तो यह एक बहुआयामी सम्प्रेषणीयता वाली रचना है। फुटपाथ पर पलते अनाथ बच्चों और उपेक्षित बीमार या मानसिक रोगियों की पीड़ा और भाग्य को भी इंगित करती है मेरी दृष्टि में। हार्दिक बधाई आदरणीया अमिता शाह 'अमी' जी। -शेख़ शहज़ाद उस्मानी, शिवपुरी (मध्यप्रदेश)
वाह बहुत ही सुंदर बिन माली पलते हैं
ReplyDeleteबहुत ही महत्वपूर्ण व सूक्ष्म अवलोकन और चिंतन आधारित विचारोत्तेजक आकर्षक सृजन। ऐसे दृश्य अक्सर उपेक्षित रह जाते हैं। देखा जाए तो यह एक बहुआयामी सम्प्रेषणीयता वाली रचना है। फुटपाथ पर पलते अनाथ बच्चों और उपेक्षित बीमार या मानसिक रोगियों की पीड़ा और भाग्य को भी इंगित करती है मेरी दृष्टि में। हार्दिक बधाई आदरणीया अमिता शाह 'अमी' जी।
ReplyDelete-शेख़ शहज़ाद उस्मानी, शिवपुरी (मध्यप्रदेश)