2024-03-12

सुख का सपना होना

सुख का सपना होना
लहरों की घातें
नम नैनों से कहना

        -विभा रानी श्रीवास्तव

1 comment:

  1. जी, नम ऑंखों और मूक ज़ुबाॅं से ही सपनों और बाधाओं की अभिव्यक्ति हो जाया करती है। 'सुख' ऐसा ही एक सपना है। बढ़िया सारगर्भित रचना। हार्दिक बधाई आदरणीया विभारानी श्रीवास्तव जी।

    _ शेख़ शहज़ाद उस्मानी, शिवपुरी (मध्यप्रदेश)

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