2024-03-10

भँवरा तो आता है

भँवरा तो आता है
गुमसुम कलियों का
घूँघट खुलवाता है

        -डॅा. जगदीश व्योम

1 comment:

  1. हाइकु की तरह माहिया कविता में हर मुख्य शब्द बोलता है। कहे हुए में अनकहा भी बख़ूबी सम्प्रेषित होता है विधागत वैशिष्ट्य के साथ। उपरोक्त रचना में भी ऐसा है। 'भॅंवरा', 'गुमसुम' व 'घूॅंघट' शब्द बहुत कुछ बयाॅं कर रहे हैं। दो मुख्य पात्र हैं: 'भॅंवरा' और 'कलियाॅं'। देखा जाये तो इनमें बहुआयामी प्रतीकात्मकता भी है। हार्दिक बधाई आदरणीय गुरुजी।

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