कविता की पाठशाला
हिंदी की सौ सर्वश्रेष्ठ प्रेम कविताएँ
माहिया
link
व्योम के पार
कविता की पाठशाला
2024-03-11
आँसू बन कर फूटे
आँसू बन कर फूटे
नाज़ुक लम्हें थे
हाथों से जो छूटे !
-आभा खरे
2 comments:
Anonymous
6:09 PM
आहा (रूबी)
Reply
Delete
Replies
Reply
Madhu
6:45 PM
बहुत सुंदर माहिया!
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आहा (रूबी)
ReplyDeleteबहुत सुंदर माहिया!
ReplyDelete