2024-03-16

क्या हँसी-ठिठौली थी

क्या हँसी-ठिठोली थी
बाबुल के अँगना
हर रुत ही होली थी 

-शशि पाधा

2 comments:

  1. बहुत सुंदर माहिया!

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  2. Anonymous9:46 PM

    शानदार माहिया जी

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