कविता की पाठशाला
हिंदी की सौ सर्वश्रेष्ठ प्रेम कविताएँ
माहिया
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व्योम के पार
कविता की पाठशाला
2024-03-16
क्या हँसी-ठिठौली थी
क्या हँसी-ठिठोली थी
बाबुल के अँगना
हर रुत ही होली थी
-शशि पाधा
2 comments:
Madhu
9:01 AM
बहुत सुंदर माहिया!
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Anonymous
9:46 PM
शानदार माहिया जी
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बहुत सुंदर माहिया!
ReplyDeleteशानदार माहिया जी
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