साजन के ख़त में सूखे गुल की महक तो है ही... लेकिन उसकी तीव्रता पाती के हर अक्षर में बहुगुणित होती बहकती महक नायिका को भावपूर्ण आनंद प्रदान कर रही है। बहुत ही गहरी भावाव्यक्ति। हार्दिक बधाई आदरणीया सुधा राठौर जी।
साजन के ख़त में सूखे गुल की महक तो है ही... लेकिन उसकी तीव्रता पाती के हर अक्षर में बहुगुणित होती बहकती महक नायिका को भावपूर्ण आनंद प्रदान कर रही है। बहुत ही गहरी भावाव्यक्ति। हार्दिक बधाई आदरणीया सुधा राठौर जी।
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