कविता की पाठशाला
हिंदी की सौ सर्वश्रेष्ठ प्रेम कविताएँ
माहिया
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व्योम के पार
कविता की पाठशाला
2024-06-17
ये बाग-बगीचे हैं
ये बाग-बगीचे हैं
खून बहा कर के
पुरखों ने सींचे हैं
-हरीन्द्र यादव
माँ की खातिर मरते
माँ की खातिर मरते
वीर शहीदों को
कर जोड़ नमन करते
-हरीन्द्र यादव
सब रिश्ते भूल गये
सब रिश्ते भूल गये
भारत माँ खातिर
फाँसी पर झूल गये
-हरीन्द्र यादव
2024-04-27
ये दुनिया इक मेला
ये दुनिया इक मेला
चार दिनों के रँग
फिर संध्या की बेला
-सोनम यादव
रसिया संग साया है
रसिया संग साया है
होली के रंग में
रंग छलिया आया है
-
हंस जैन
2024-04-18
मन की धुन सुन प्यारे
मन की धुन सुन प्यारे
कहता है साँची
उस पर चलता जा रे
-नेहा कटारा पाण्डेय
तुम दूर न अब जाना
तुम दूर न अब जाना
होली का मौसम
मन मेरा रँग जाना
-किरन सिंह
तालाब बहुत गहरा
तालाब बहुत गहरा
तट ने बाँध रखा
चुपचाप वहीं ठहरा
-अमिता शाह 'अमी'
अपने रूठा करते
अपने रूठा करते
नेह छलकता दिल
गुस्सा झूठा करते
-अमिता शाह 'अमी'
2024-04-17
खड़ताल बजावे है
खड़ताल बजावे है
जोगन बरखा ये
संगीत सुनावे है!
-मधु गोयल
भँवरों की गुन-गुन से
भँवरों की गुन-गुन से
कलियाँ बहकी हैं
यौवन की धुन सुनके
-ममता मिश्रा
ये बादल आवारा
ये बादल आवारा
पंछी सा फिरता
नभ में मारा-मारा
-मधु गोयल
रवि राका में झलके
रवि राका में झलके
शरद पूर्णिमा है
घट अमृत का छलके
-अमित खरे
कल मौसम बदलेगा
कल मौसम बदलेगा
धुंध छटेगी तब
ये पारा पिघलेगा
-नेहा कटारा पाण्डेय
2024-04-15
अनगढ़ अनजानी है
अनगढ़ अनजानी है
राहें जीवन की
अपनी बेगानी है
-मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'
2024-04-12
चिड़ियाँ क्यों गाती हैं
चिड़ियाँ क्यों गाती हैं
रोज सुबह उठकर
कुछ गीत सुनाती हैं
-चन्द्रभान मैनवाल
गाते हैं हुरियारे
गाते हैं हुरियारे
चहक उठे रे मन
होली खेलें सारे
-शेख़ शहज़ाद उस्मानी
मन याद सदा रखना
मन याद सदा रखना
जो भी बाँटा है
इक दिन वो ही मिलना
-मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'
सब दिन सतरंगी हों
सब दिन सतरंगी हों
रातें हों प्यारी
प्रेमी जब संगी हों
-किरन सिंह
हम दूर कहीं जाएँ
हम दूर कहीं जाएँ
दोनों ही प्रेमी
अपनी दुनिया पाएँ
-किरन सिंह
माना मैंने माना
माना मैंने माना
अर्थ है जीवन का
बस आना और जाना
-वंदना कुँअर रायज़ादा
2024-04-09
शीतल बयार लाए
शीतल बयार लाए
सुरभित वे यादें
मन मेरा महकाए
-अचला झा
यादों का क्या कहना
यादों का क्या कहना
समय चुरा कर के
चुपके से है बहना
-रीमा दीवान चड्ढा
मौसम आते जाते
मौसम आते जाते
चलते जीवन में
यादों को सहलाते
-विद्या चौहान
वो चाँद शरद चहका
वो चाँद शरद चहका
जादू क्या रुत में
रहता बहका बहका
-विद्या चौहान
माटी का पुतला हूँ
माटी का पुतला हूँ
होना है माटी
ये सोच न बदला हूँ
-नेहा कटारा पाण्डेय
जो लोग चले जाते
जो लोग चले जाते
इस दुनिया से जब
वो लौट के कब आते
-मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'
पनघट पर छूट गया
पनघट पर छूट गया
दिल चुपके कोई
हँस करके लूट गया
-मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'
मौसम ने हद कर दी
मौसम ने हद कर दी
घूम रहा पहने
वो सर्दी की वर्दी
-आभा खरे
होगी अब कुड़माई
होगी अब कुड़माई
सोच रही सरसों
मन ही मन शरमाई
-विद्या चौहान
मौसम मनरूप लिये
मौसम मनरूप लिये
आँगन उतरी है
बासंती धूप प्रिये
-आभा खरे
बरसाने की ग्वालिन
बरसाने की ग्वालिन
कान्हा चकराए
बनकर आयी मालिन
-सुधा राठौर
होता है मौन मुखर
होता है मौन मुखर
शब्दों से ज्यादा
रखता पुरजोर असर
-सुधा राठौर
2024-04-08
मौसम कैसा आया
मौसम कैसा आया
घातक रोगों से
मेरा मन घबराया
-डॉ. मंजू यादव
अतरंगी वो वादे
अतरंगी वो वादे
ढ़लते ख्वाबों में
कुछ पूरे कुछ आधे
-अचला झा
दिल से दिल मिलते हैं
दिल से दिल मिलते हैं
रंग भरे मौसम
सपनों के खिलते हैं
-आभा खरे
बहका-सा मौसम है
बहका-सा मौसम है
कैसे होश रहे
पलकों पे शबनम है
-अविनाश बागड़े
साँसों का तराना है
साँसों का तराना है
जब तक है संग में
हमको तो गाना है
-रीमा दीवान चड्ढा
आलम ये मत पूछो
आलम ये मत पूछो
क्या-क्या जतन किये
मिलने को, मत पूछो !
-आभा खरे
भौंरे मन के काले
भौंरे मन के काले
चूमें कली-कली
पीते मय के प्याले
-डॉ. अनिल सक्सेना
नारी कब हारी है
नारी कब हारी है
ऐसा तप इसका
दुनिया बलिहारी है
-नेहा कटारा पाण्डेय
जब हिल-मिल जातीं हैं
जब हिल-मिल जातीं हैं
सास-बहू मिलकर
घर स्वर्ग बनातीं हैं
-डॉ. नितीन उपाध्ये
आशीषों को पाऊँ
आशीषों को पाऊँ
जीवन के पथ पर
आगे बढ़ती जाऊँ
-वंदना कुँअर रायज़ादा
होली तो अब हो ली
होली तो अब हो ली
रंग गुलाल लिए
आई छलिया टोली
-किरन सिंह
महलों में मधु कलियाँ
महलों में मधु कलियाँ
रंग-बिरंगी सी
लगतीं चंचल परियाँ
-सुषमा चौरे
महकी-महकी गलियाँ
महकी-महकी गलियाँ
माही के आते
खिल जाती हैं कलियाँ
-किरन सिंह
साजन जब आन मिले
साजन जब आन मिले
तब मेरे मन के
उपवन में फूल खिले
-हंस जैन
मानी रूठी सजनी
मानी रूठी सजनी
साजन ने ला दी
जब मोती की नथनी
-डॉ. नितीन उपाध्ये
चूड़ी कंगन बाली
चूड़ी कंगन बाली
लाई गोरी के
इन गालों पर लाली
-डॉ. नितीन उपाध्ये
सूरज तो जाएगा
सूरज तो जाएगा
ऊर्जा भर मन में
कल वापस आएगा
-डॉ. नितीन उपाध्ये
बस साथ निभाना है
बस साथ निभाना है
सुख-दुख दोनों से
बढ़कर याराना है
-नेहा कटारा पाण्डेय
सपनों में आए तुम
सपनों में आए तुम
एक नज़र देखा
फिर हुए कहाँ तुम गुम
-किरन सिंह
बासंती रंग चढ़ा
बासंती रंग चढ़ा
सीमा का प्रहरी
है पगड़ी बाँध खड़ा
-शर्मिला चौहान
बासंती रुत आई
बासंती रुत आई
देख रही बगिया
कलियों की अँगड़ाई
-मीनाक्षी कुमावत मीरा
जब उम्र ये पूरी है
जब उम्र ये पूरी है
अमृत क्यों खोजूँ
मरना भी ज़रूरी है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
जीवन वो कहानी है
जीवन वो कहानी है
जितनी जान सके
उतनी अनजानी है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
है कैसी डगर जीवन
है कैसी डगर जीवन
ठोकर ही ठोकर
बस उलझन ही उलझन
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
इस दर्द की बस्ती में
इस दर्द की बस्ती में
खो जाऊँ कैसे
अपनी ही मस्ती में
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
जीवन इक लोरी है
जीवन इक लोरी है
झूला सपनों का
औ वक्त की डोरी है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
विश्वास करो मेरा
विश्वास करो मेरा
जिस से जिंदा हूँ
वो प्यार है बस तेरा
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
पीड़ाओं का घर है
पीड़ाओं का घर है
जो भी है दुनिया
रहना तो यहीं पर है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
मायूसी छलकेगी
मायूसी छलकेगी
तोड़ लो आईने
ये शक्ल न बदलेगी
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
क्या प्यार का जादू है
क्या प्यार का जादू है
सारी दिशाओं में
तेरी ही ख़ुशबू है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
कुछ टूटे सपने हैं
कुछ टूटे सपने हैं
कुछ धुंधली यादें
बस ये ही अपने हैं
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
वोटों की मेहरबानी
वोटों की मेहरबानी
‘अपराधी जी’ की
संसद में अगवानी
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
शासन यूँ चलता था
शासन यूँ चलता था
भेष बदल.. राजा
गलियों में टहलता था
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
मरुथल तो तरसता है
मरुथल तो तरसता है
आवारा बादल
सागर पे बरसता है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
बस ये ही तरीका है
बस ये ही तरीका है
दिल में रंग भरो
वरना सब फीका है
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
देखो भर मत सपने
देखो भर मत सपने
वो तरकीब करो
सब सपने हों अपने
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
जो लोग शिखर पर हैं
जो लोग शिखर पर हैं
काश उन्हें देखें
जो नींव के पत्थर हैं
-लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
आकाश धरा झूमे
आकाश-धरा झूमे
स्वर्ण-कलश ढलका
रवि-किरणें जल चूमें
-सोनम यादव
भक्ती के उजियारे
भक्ती के उजियारे
दहन होलिका में
पाखंड-कपट हारे
-सोनम यादव
जग-रावन भरमाए
जग-रावन भरमाए
नैना स्वर्ण-हिरन
मन-सीता हो जाए
-सोनम यादव
2024-04-07
बिटिया के आने से
बिटिया के आने से
महक उठी बगिया
पायल खनकाने से
-पूनम मिश्रा 'पूर्णिमा'
मौसम फगुआ आया
मौसम फगुआ आया
प्रेमी-मन खेलें
साजन पर रँग छाया
-किरन सिंह
2024-04-05
गदराई पुरवाई
गदराई पुरवाई
बहकी फिरती है
प्रेमी-सी पगलाई
-सुषमा चौरे
कुछ बात करो साथी
कुछ बात करो साथी
खामोशी क्यों है
कुछ समझ नहीं आती
-हंस जैन
रंगों संग मुस्काना
रंगों संग मुस्काना
बैर भुला मन से
तन पे रंग लगवाना
-सोनम यादव
पाखंड मिटें मन के
पाखंड मिटें मन के
दंभ जलाओ जब
होली में सब मिल के
-सोनम यादव
आने वाला सावन
आने वाला सावन
पीहर की सुधियाँ
लाने वाला आँगन
-सोनम यादव
महकी है अमराई
महकी है अमराई
बौराई अमिया
कोयल है शरमाई
-सोनम यादव
2024-04-04
दीपक जब जलता है
दीपक जब जलता है
आँधी तूफां से
वो फिर कब डरता है
-नेहा कटारा पाण्डेय
लंबी काली रातें
लंबी काली रातें
गूँजें कानों में
आकर तेरी बातें
-डॉ. अनिल सक्सेना
वो कौन इकाई है
वो कौन इकाई है
नाप सके दिल की
कितनी गहराई है
-हंस जैन
2024-03-31
कच्चे घर प्यारे थे
कच्चे घर प्यारे थे
उनमें प्यार बसा
वे लगते न्यारे थे
-किरन सिंह
पर्वत-घाटी छोड़े
पर्वत-घाटी छोड़े
सागर से मिलने
नदिया भागे-दौड़े
-डॉ. नितीन उपाध्ये
2024-03-28
चिड़ियाँ दाना चुगतीं
चिड़ियाँ दाना चुगतीं
पेट भरे जितना
ना संचय कर रखतीं
-डॉ. नितीन उपाध्ये
इस दुनिया की माया
इस दुनिया की माया
क्षण भर की मितरा
ज्यों बादल की छाया
-डॉ. नितीन उपाध्ये
खेलो कान्हा होली
खेलो कान्हा होली
सखियाँ आयीं हैं
राधा की हमजोली
-किरन सिंह
2024-03-26
चंदा सज धज आया
चंदा सज धज आया
रौशन है आँगन
सँग तारे भी लाया
-
किरन सिंह
माही मेरे माही
माही मेरे माही
तुझसे मिलने को
मैं बनी प्रेम राही
-किरन सिंह
सरसों हिलकर बोली
सरसों हिलकर बोली
छोडो़ सब झगड़े
अब आयी है होली
-डा० जगदीश व्योम
2024-03-23
सरसों का अँगड़ाना
सरसों का अँगड़ाना
टोना मार गया
कोयलिया का गाना
-डा० जगदीश व्योम
जिसको अपना माना
जिसको अपना माना
जान नहीं पाये
निकला वो बेगाना
-हंस जैन
2024-03-22
हँस-हँसकर वार करे
हँस-हँसकर वार करे
भोली-सी सजनी
जीना दुश्वार करें
-नेहा कटारा पाण्डेय
पल-पल का रस पी ले
पल-पल का रस पी ले
कल किसने देखा
आ ! आज अभी जी ले
-हंस जैन
हर हार सिखाती है
हर हार सिखाती है
ग़लती सुधरी तो
मंज़िल मिल जाती है
-नेहा कटारा पाण्डेय
जूते लेकर साली
जूते लेकर साली
जीजा से बोली
अब जेब करो खाली
-हंस जैन
बेटी घर आयी है
बेटी घर आयी है
रौनक है छाई
खुशियाँ भर लायी है
-रूबी दास
गेंहूँ गदराया है
गेंहूँ गदराया है
बालीं थिरक रहीं
फागुन बौराया है
-डा० जगदीश व्योम
आँगन भी थे कच्चे
आँगन भी थे कच्चे
घर थे माटी के
पर रिश्ते थे सच्चे
-सुषमा चौरे
2024-03-21
होली में तुम आना
होली में तुम आना
टोली में घुस कर
हमजोली बन जाना
-शेख़ शहज़ाद उस्मानी
मधुमास बड़ा प्यारा
मधुमास बड़ा प्यारा
प्रेमी दिल मिलते
मधुवन खिलता सारा
-किरन सिंह
सदियों से घर सूना
सदियों से घर सूना
राम पधारें तो
आनन्द मिले दूना
-वंदना कुँअर रायज़ादा
दुःख-सुख का रेला है
दुःख-सुख का रेला है
चार दिनों का ही
दुनिया का मेला है!
-मधु गोयल
रोगी तो मन का है
रोगी तो मन का है
वैदा भरमाये
ढूँढ़े वह तन का है
-रंजना झा
आओ ये पल जी लें
आओ ये पल जी लें
छलकें प्यार भरे
ये प्याले हम पी लें
-डॉ. अनिल सक्सेना
ये पेड़ अजूबे हैं
ये पेड़ अजूबे हैं
देकर हरियाली
सूखे से जूझे हैं
-नेहा कटारा पाण्डेय
हम भारत के वासी
हम भारत के वासी
मन में रहती है
गंगा, मथुरा, काशी
-डॉ. नितीन उपाध्ये
राहों में खिलते हैं
राहों में खिलते हैं
फूल किनारे पर
माली बिन पलते हैं
-अमिता शाह 'अमी'
ये चाय मसाले की
ये चाय मसाले की
सुबह-सुबह देती
ऊर्जा मतवाले की
-अमिता शाह 'अमी'
2024-03-17
परदेसी घर आजा
परदेसी घर आजा
बहुत कमाया धन
माँ तकती दरवाजा
-सुषमा चौरे
2024-03-16
आहट फगुनाई की
आहट फगुनाई की
चितवन रंग भरे
मस्ती पुरवाई की
-सोनम यादव
क्या हँसी-ठिठौली थी
क्या हँसी-ठिठोली थी
बाबुल के अँगना
हर रुत ही होली थी
-शशि पाधा
होली के रंग उड़े
होली के रंग उड़े
नयनों की नगरी
सुख सपने आन जुड़े
-शशि पाधा
सुर चैती-होरी के
सुर चैती-होरी के
मीठे गान सजे
अधरों पे गौरी के
-शशि पाधा
रुत छैल छबीली-सी
रुत छैल छबीली-सी
पनघट आन खड़ी
हर नार सजीली-सी
-शशि पाधा
ढोलक मंजीरा-सा
ढोलक मंजीरा-सा
रंगों से भीजा
तन दमके हीरा-सा
-शशि पाधा
मौसम मनमाना-सा
मौसम मनमाना-सा
रह-रह छेड़ रहा
वो गीत सुहाना-सा
-शशि पाधा
मुख लाल गुलाल हुआ
मुख लाल गुलाल हुआ
किसको देख लिया
क्यों ऐसा हाल हुआ
-शशि पाधा
जादू संगीत हुआ
जादू संगीत हुआ
पल दो पल में ही
बेगाना मीत हुआ
-शशि पाधा
2024-03-12
गातीं हैं चौमासा
गातीं हैं चौमासा
विरहिन गाँवों में
सावन में मन प्यासा
-जयंती कुमारी
बादल तो पागल है
बादल तो पागल है
धरती की देखो
भर देता छागल है
-अंशु विनोद गुप्ता
बूँदों की लड़ियाँ हैं
बूँदों की लड़ियाँ हैं
धरती अम्बर को
जोड़े ये कड़ियाँ हैं
-निशा कोठारी
झंडे की शान रहे
झंडे की शान रहे
निज सम्मान रहे
गणतंत्र महान रहे
-अमित खरे
सुख-दुख से नाता है
सुख-दुख से नाता है
आँसू का बहना
सबकुछ कह जाता है
-सुधा राठौर
सुख का सपना होना
सुख का सपना होना
लहरों की घातें
नम नैनों से कहना
-
विभा रानी श्रीवास्तव
गुड़हल के फूल खिले
गुड़हल के फूल खिले
माँ के आने के
मोहक संदेश मिले
-अमित खरे
चोरी चोरी चुपके
चोरी चोरी चुपके
जीवन को जी लें
थोड़ा सा छुप-छुपके
-अविनाश बागड़े
छत से देखूँ तुझको
छत से देखूँ तुझको
आजा रे सजना
चंदा लगता मुझको
-शर्मिला चौहान
जोड़ा या घटाया है
जोड़ा या घटाया है
चलती साँसों में
सजना को पाया है
-बुशरा तबस्सुम
गाँठों का खुल जाना
गाँठों का खुल जाना
मन पर बोझ लिये
मुश्किल था जी पाना
-सुधा राठौर
2024-03-11
भय की है बात नहीं
भय की है बात नहीं
जब दीपक जलता
मिट जाता तमस वहीं
-प्रतिमा प्रधान
तू मेरी सौग़ातें
तू मेरी सौग़ातें
तू ही तो सपना
मीठी तेरी बातें
-डॉ. सुनीता यादव
बाग़ों में हैं झूले
बाग़ों में हैं झूले
कैसे आऊँ सखि
साजन तो हैं भूले
-डॉ सुनीता यादव
कजरा बह जाता है
कजरा बह जाता है
तेरी याद लिए
गजरा रह जाता है
-डॉ. मंजू यादव
ना ही मैंने जाना
ना ही मैंने जाना
ना तू जाने, फिर
कैसा ताना बाना
-संतोष भाऊवाला
तारा नभ से टूटा
तारा नभ से टूटा
राज बताना तुम
वो काहे को रूठा
-अविनाश बागड़े
बैरन हैं ये अँखियाँ
बैरन हैं ये अँखियाँ
नेह लगा पिय से
छेड़ें हैं सब सखियाँ
-सोनम यादव
यह फूलों की क्यारी
यह फूलों की क्यारी
महकी ख़ुशबू से
मन मेरा बलिहारी
-चित्रा गुप्ता
कलियाँ मुस्काती हैं
कलियाँ मुस्काती हैं
देख के भँवरे को
खुद पे इतराती हैं
-आलोक मिश्रा
बादल घहराते हैं
बादल घहराते हैं
कजरी की धुन पर
बूंदें बरसाते हैं
-जयंती कुमारी
झरनों से उछलती है
झरनों से उछलती है
नदिया, सागर से
मिलने को मचलती है
-डॉ अर्चना पाण्डेय
मन से मन बात चली
मन से मन बात चली
बदल गया मौसम
बरसों की गाँठ खुली
-सुनीता अग्रवाल नेह
साये में यादों की
साये में यादों की
टीस उभरती है
साजन के वादों की
-योगेन्द्र वर्मा
आँसू बन कर फूटे
आँसू बन कर फूटे
नाज़ुक लम्हें थे
हाथों से जो छूटे !
-आभा खरे
सपनों के गुल बूटे
सपनों के गुल बूटे
ख़ुशियों को मेरी
दुनिया तू क्यों लूटे ?
-आभा खरे
सूरज मतवाला है
सूरज मतवाला है
किरणों संग फिरे
आशिक दिलवाला है
-शर्मिला चौहान
कुछ कहते कुछ सुनते
कुछ कहते कुछ सुनते
उल्फ़त में हम तुम
इक ख़्वाब हसीं बुनते
-आभा खरे
आभास अनोखा है
आभास अनोखा है
तू ही तू दिखता
ये मन का धोखा है
-सुरंगमा यादव
मधुमास मधुर छाया
मधुमास मधुर छाया
मन के उपवन में
कोकिल बन तू आया
-सुरंगमा यादव
कल छत पर तुम आना
कल छत पर तुम आना
मीठे बोल सुना
दिल में ही बस जाना
-डॉo सोनी वर्मा
जल बन के भाप चला
जल बन के भाप चला
नभ से टकराकर
पानी बनकर पिघला
-ममता मिश्रा
पा कर भी जब खोना
पा कर भी जब खोना
टूटे सपनों का
फिर क्या रोना धोना ?
-आनन्द.पाठक
शब्दों को चुन लाता
शब्दों को चुन लाता
मेरा मन पाखी
रचना बुनता जाता
-सुधा राठौर
मन की गति न्यारी है
मन की गति न्यारी है
पकड़ नहीं आए
कैसी लाचारी है
-सुधा राठौर
ये मन क्यों बौराया
ये मन क्यों बौराया
चाहत अनजानी
फिरता है पगलाया
-सुधा राठौर
फिरता बंजारा-सा
फिरता बंजारा-सा
भावों के पीछे
मन हारा-हारा सा
-आभा खरे
तुमसे ही जीवन है
तुमसे ही जीवन है
कहने को बिटिया
अम्मा जैसा मन है
-निवेदिताश्री
तुम मान बढ़ाती हो
तुम मान बढ़ाती हो
दोनों ही कुल की
तुम शान बढ़ाती हो
-आशा मोर
बेटी तुझको पाया
बेटी तुझको पाया
लगता है मैंने
ख़ुद को ही दोहराया
-मीनू खरे
बाबुल की प्यारी है
बाबुल की प्यारी है
महके घर आँगन
वेटी फुलवारी है
-सुनीता अग्रवाल नेह
2024-03-10
कुमकुम पायल कँगना
कुमकुम पायल कँगना
उड़ने में लाडो
बंधन अब कोई ना
-सुनीता अग्रवाल नेह
घर में जो आयी है
घर में जो आयी है
उसका मान करो
दूजे की जायी है
-सुरंगमा यादव
ख़ुशियों का क्या कहना
ख़ुशियों का क्या कहना
जीवन में इनको
है कुछ पल ही रहना
-किरन सिंह
बरगद की छाँव बड़ी
बरगद की छाँव बड़ी
छतरी बन करके
आँगन में तान खड़ी
-मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'
सावन के हैं झूले
सावन के हैं झूले
पींग बढ़ा कर के
तू मेरा मन छू ले
-डॉ. अनिल सक्सेना
काग़ज की नावों में
काग़ज की नावों में
बह के जाता है
मन मेरा गाँवों में
-डॉ. नितीन उपाध्ये
बादल तो बरस गए
बादल तो बरस गए
साजन सजनी से
मिलने को तरस गए
-डॉ. नितीन उपाध्ये
मौसम करवट बदले
मौसम करवट बदले
हलचल है मन में
भौरों का दिल मचले
-सुषमा चौरे
नव यौवन फूट रहा
नव यौवन फूट रहा
सुप्त पड़े पौधे
आलस अब छूट रहा
-सुषमा चौरे
बासंती मन भाया
बासंती मन भाया
दहक रहा टेसू
जंगल है बौराया
-सुषमा चौरे
झिलमिल-झिलमिल तारे
झिलमिल-झिलमिल तारे
ओस भरी चादर
ओढ़े जंगल सारे
-सुषमा चौरे
जुगनू जगमग करता
जुगनू जगमग करता
राह चले अपनी
सूरज से कब डरता
-नेहा कटारा पाण्डेय
साँवरिया का आना
साँवरिया का आना
आहट होते ही
धड़कन का बढ़ जाना
-सुधा राठौर
आ बैठ करें बातें
आ बैठ करें बातें
लम्बी-लम्बी है
विरहा की ये रातें
-
सुषमा चौरे
प्रेमी सब हारा है
प्रेमी सब हारा है
मीठी नदिया ने
सागर स्वीकारा है
-नेहा कटारा पाण्डेय
पाकर भी कुछ खोना
पाकर भी कुछ खोना
नदियों से सीखा
हमनें सागर होना
-हंस जैन
पाकर तुमको खोना
पाकर तुमको खोना
दुख की बातें हैं
जीवन भर का रोना
-रूबी दास
माँ सब कुछ सहती है
माँ सब कुछ सहती है
प्रीत उसी माँ की
साँसों में बहती है
-किरन सिंह
कान्हा मथुरा आये
कान्हा मथुरा आये
प्रेम गोपियों का
यादों में ले आये
-किरन सिंह
तुमको जबसे खोया
तुमको जबसे खोया
यादों में तेरी
मन सिसक-सिसक रोया
-हंस जैन
मदहोशी का आलम
मदहोशी का आलम
छाए हो मन के
मधुबन में तुम बालम
-अल्पा जे तन्ना
ये सूरज बंजारा
ये सूरज बंजारा
भटके है दिन भर
ना कोई अँगनारा
-मधु गोयल
होठों को रहने दो
होठों को रहने दो
बातें हैं दिल की
आँखों से कहने दो
-हंस जैन
बचपन है मस्ताना
बचपन है मस्ताना
ना ताना बाना
खुशियों से याराना
-संतोष भाऊवाला
तेरे सँग-सँग सजनी
तेरे सँग-सँग सजनी
कब दिन बीत गया
कब बीत गई रजनी
-हंस जैन
बागों में झूले हैं
बागों में झूले हैं
बालम तुम बिन हम
अपनी सुध भूले हैं
-मधु गोयल
रवि! रूठो ना ऐसे
रवि! रूठो ना ऐसे
जाड़े के दिन हैं
यूँ काम चले कैसे!
-मधु गोयल
वो दौलत वाले हैं
वो दौलत वाले हैं
हमको क्या करना
हम तो दिल वाले हैं
-डॉ. नितीन उपाध्ये
सच्चाई के आगे
सच्चाई के आगे
केवल झूठ नहीं
हर पाप यहाँ भागे
-डॉ. नितीन उपाध्ये
चींटी सिखलाती है
चींटी सिखलाती है
चलते रहने से
मंज़िल मिल जाती है
-नेहा कटारा पाण्डेय
सपनों में आते हो
सपनों में आते हो
आकर क्यों जाते
तुम खूब सताते हो
-हंस जैन
महुआ टपटप झरते
महुआ टपटप झरते
बगिया है महकी
पंछी कलरव करते
-रूबी दास
जीवन इक मेला है
जीवन इक मेला है
जान सका वो ही
जिसने यह खेला है
-मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'
है कौन यहाँ अपना
है कौन यहाँ अपना
जगने पर देखा
सब है झूठा सपना
-हंस जैन
पीहर की बात चली
पीहर की बात चली
कैसे ना बोलूँ
ममता ही वहाँ पली
-किरन सिंह
कलियाँ खिल जातीं हैं
कलियाँ खिल जातीं हैं
प्रेम राग सुनकर
भँवरों सँग गातीं हैं
-किरन सिंह
बिरहन दियरा बारे
बिरहन दियरा बारे
ज्योति जगे मन में
मिट जाएँ अँधियारे
-मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'
बचपन की यादों से
बचपन की यादों से
दूर चले आये
मजबूत इरादों से
-सुषमा चौरे
बचपन का सपना है
बचपन का सपना है
आओगे इक दिन
दिल कहता अपना है
-मीनाक्षी कुमावत 'मीरा'
होली जो आई है
होली जो आई है
याद पिया को कर
गोरी शरमाई है
-नेहा कटारा पाण्डेय
फूलों संग खिलने की
फूलों संग खिलने की
मिल जाओ साजन
आई रुत मिलने की
-डी के निवातिया
आँखों में पानी है
आँखों में पानी है
सुख-दुख साथ लिए
गम्भीर कहानी है
-सुषमा चौरे
बीती जाये रैना
बीती जाये रैना
नैनो में नैना
कह भी दो जो कहना
-हंस जैन
वो टूट के बिखरी है
वो टूट के बिखरी है
माँ तुम जैसी ही
चोटों से निखरी है
-सुषमा चौरे
होली में ख़त मेरे
होली में ख़त मेरे
आज जला देना
फिर लेना तुम फेरे
-सुषमा चौरे
बाबुल के ऑंगन की
बाबुल के ऑंगन की
बेटी है बुलबुल
कोकिल है साजन की
-दया शंकर प्रसाद
मन नेह नयन पानी
मन नेह नयन पानी
माँ का घर छोड़े
प्रिय की बनने रानी
-दया शंकर प्रसाद
जननी की प्यारी है
जननी की प्यारी है
बाबुल की तनया
रिश्तों में न्यारी है
-दया शंकर प्रसाद
लगतीं बिटिया प्यारी
लगतीं बिटिया प्यारी
चहकें चिड़ियों-सी
महकें ज्यों फुलवारी
-अमित खरे
भँवरा तो भँवरा है
भँवरा तो भँवरा है
एक कली पर ही
रहता कब ठहरा है
-आनन्द पाठक
मधुमास सकल आया
मधुमास सकल आया
फूल खिले दिल के
लो भँवरा मँडराया
-पूनम मिश्रा 'पूर्णिमा'
भँवरा तो आता है
भँवरा तो आता है
गुमसुम कलियों का
घूँघट खुलवाता है
-डॅा. जगदीश व्योम
वो साथ निभाते हैं
वो साथ निभाते हैं
काँटे हैं अच्छे
जो ना मुरझाते हैं
-अमित खरे
उड़-उड़कर आता है
उड़-उड़कर आता है
भँवरा कलियों से
गुप-चुप बतियाता है
-आभा खरे
माही तो रूठ गया
माही तो रूठ गया
छत पर बैठी हूँ
दिल जैसे टूट गया
-शेख़ शहज़ाद उस्मानी
सूखे गुल से महकी
सूखे गुल से महकी
साजन की पाती
जब आखर में बहकी
-सुधा राठौर
जग का पालन हारा
जग का पालन हारा
भूखा बेचारा
फिरता मारा मारा
-राय कूकणा
2024-03-09
तुमको अपना माना
तुमको अपना माना
दूर हुए जब तुम
तब ही तुमको जाना
-डॉ. अनिल सक्सेना
है डूबा सा सागर
है डूबा-सा सागर
खारे पानी में
ले अश्कों की गागर
-अविनाश बागड़े
खुद से यूँ दूरी है
खुद से यूँ दूरी है
दर्पण भी कहता
पहचान अधूरी है
-अमित खरे
रूठा न करो बालम
रूठा न करो बालम
तौबा! मुझको तो
तड़पाता ये आलम
-मधु गोयल
अभियान माहिया का
अभियान माहिया का
छाया जादू-सा
मोहे मन दुनिया का
-मधु गोयल
अभियान माहिया का
अभियान माहिया का
लोक कथाओं से
जोड़े मन दुनिया का
-आभा खरे
बँटवारा तेरा था
बँटवारा तेरा था
चाँद तुम्हारा था
आकाश हमारा था
-शिव मोहन सिंह
वो दिन भी क्या दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे
होठों पर नगमे
आँखों में सावन थे
-शिव मोहन सिंह
पाई-पाई जोड़े
पाई-पाई जोड़े
विपदा आये तो
माँ गुल्लक को फोड़े
-मधु गोयल
आँगन में धूप झरी
आँगन में धूप झरी
गौरैया नाचे
अम्मा गाए ठुमरी
-ममता मिश्रा
बातों को बहने दो
बातों को बहने दो
जो न कहीं तुमने
दिल में ही रहने दो
-ममता मिश्रा
पुरवाई रात बही
पुरवाई रात बही
संग उड़ी लेकर
बातें जो थीं न कही
-आभा खरे
2024-03-06
चाहत है यारी है
चाहत है यारी है
बाकी तो माना
सब दुनिया दारी है
-शिव मोहन सिंह
साजन अब आएँगे
साजन अब आएँगे
फिर सावन के दिन
खुशियाँ महकाएँगे
-डॉ. संजय सराठे
इक बार चले आना
इक बार चले आना
राह तके शबरी
प्रभु भूल नहीं जाना
-डॉ. मंजू यादव
परदेस गए सजना
परदेस गए सजना
दिन सावन के है
किससे ये गम कहना
-अविनाश बागड़े
रिश्तों की होली में
रिश्तों की होली में
दर्पण जीत गया
इस आँख मिचोली में
-अजय कनोडिया
स्कूल माहिये का
स्कूल माहिये का
हमको सिखलाता
जीवन दो पहिये का
-डॅा. जगदीश व्योम
सोना बनकर तपती
सोना बनकर तपती
निखर रही हर पल
नारी-सी है धरती
-सुषमा चौरे
चल चल री ओ सजनी
चल चल री ओ सजनी
चल अब लौट चले
अब बीत रही रजनी
-हंस जैन
तेरे मेरे सपने
तेरे मेरे सपने
जाने कब होंगे
सच में पूरे अपने
-हंस जैन
ये प्रेम भरी नदियाँ
ये प्रेम भरी नदियाँ
पार उतरने में
लग जाती है सदियाँ
-सुषमा चौरे
बेमौसम आती है
बेमौसम आती है
बारिश फसलों को
चौपट कर जाती है !
-आभा खरे
सरसों अब पियराई
सरसों अब पियराई
ऋतु वसंत में जब
पाती पिय की आई
-किरन सिंह
बासंती फगुनाई
बासंती फगुनाई
बौराया मौसम
कोयल सँग अमराई
-सोनम यादव
होगा जो होना है
होगा जो होना है
सोचे जो कल का
तो ये पल खोना है
-डॉ. नितीन उपाध्ये
छोड़ो दुनियादारी
छोड़ो दुनियादारी
प्यारी है हमको
बस यारों की यारी
-डॉ. नितीन उपाध्ये
जीवन खुश हो जी लें
जीवन खुश हो जी लें
साजन संग रहें
हम नेह सुधा पी लें
-किरन सिंह
मन हार नहीं माने
मन हार नहीं माने
कर्म करे जमकर
ये रार नहीं ठाने
-नेहा कटारा पाण्डेय
तुम शाम ढले आना
तुम शाम ढले आना
आँखों आँखों में
कुछ बातें कर जाना
-किरन सिंह
छाये बदरा काले
छाये बदरा काले
बिजुरी चमक रही
बारिश डेरा डाले
-रूबी दास
तुमसे उजियारा है
तुमसे उजियारा है
मैंने ये जीवन
तुम पर ही वारा है
-रूबी दास
हे कमलासन माता
हे कमलासन माता
तेरे पूजन से
मन कलुष चला जाता
-किरन सिंह
हे माँ ऐसा कर दो
हे माँ ऐसा कर दो
ज्ञान-चक्षु खोलो
सब में जीवन भर दो
-किरन सिंह
ढलती शामें कहतीं
ढलती शामें कहतीं
ये जीवन-बाती
बुझती जलती रहतीं
-सुषमा चौरे
होलिका दहन करना
होलिका दहन करना
दंभ मिटा मन का
खुशियों का रंग भरना
-सोनम यादव
अब सोचा, अब कर लो
अब सोचा, अब कर लो
खबर कहाँ कल की
दुख दूजों का हर लो
-सुषमा चौरे
खट्टे-मीठे-खारे
खट्टे-मीठे-खारे
स्वाद भरा जीवन
महसूस हुए सारे
-सुषमा चौरे
जन्नत जो हो पाना
जन्नत जो हो पाना
माँ के क़दमों में
सर रख कर सो जाना
-डॉ. नितीन उपाध्ये
रुत वासंती आयी
रुत वासंती आयी
तरुणाई कैसी
ये मन पर है छायी!
-मधु गोयल
आयी रुत वासंती
आयी रुत वासंती
भेजी पत्तों ने
लिख प्रेम भरी पाती
-मधु गोयल
रिश्ते धागों जैसे
रिश्ते धागों जैसे
ज़्यादा उलझे तो
सुलझेंगे फिर कैसे
-नेहा कटारा पाण्डेय
बाबा की लाठी है
बाबा की लाठी है
भाई की राखी
माँ सी कद काठी है
-डा. सूरजमणि स्टेला कुजूर
बाबुल की गौरैया
बाबुल की गौरैया
चहके जब बेटी
बलिहारी हो मैया
-सुधा राठौर
बेटी करती वादा
बेटी करती वादा
खूब निभाऊँगी
दो कुल की मर्यादा
-सुधा राठौर
बस ध्यान रहे इसका
बस ध्यान रहे इसका
बेटी को ब्याहो
मत दान करो उसका
-सुधा राठौर
बिटिया घर आयी है
बिटिया घर आयी है
चलती अब देखो
मीठी पुरवाई है
-निवेदिताश्री
पाखी चुगती दाना
पाखी चुगती दाना
छोड़ हृदय अँगना
इक दिन है उड़ जाना
-विद्या चौहान
फिर-फिर उड़ आता है
फिर-फिर उड़ आता है
भँवरा कलियों से
गुप-चुप बतियाता है
-आभा खरे
बरसे बादल थम के
बरसे बादल थम के
आज अचानक फिर
मेरे अंगना जम के
-अविनाश बागड़े
बागों मे फूल खिले
बागों मे फूल खिले
महकी आज सदा
जीवन को आ छूले
-पूनम मिश्रा 'पूर्णिमा'
पीली पगड़ी पहने
पीली पगड़ी पहने
ऋतुओं का राजा
आया मन को हरने
-मधु गोयल
फूलों के खिलने के
फूलों के खिलने के
आये है मौसम
बागों में मिलने के
-डॉ. नितीन उपाध्ये
बिटिया को जाना है
बिटिया को जाना है
छोड़ चली माँ को
ये रीत निभाना है
-किरन सिंह
बचपन के वो झगड़े
बचपन के वो झगड़े
यारों के मुक्के
जब पड़ते थे तगड़े
-डॉ. नितीन उपाध्ये
जब आधी अठन्नी में
जब आधी अठन्नी में
बर्फी मिलती थी
चाँदी की पन्नी में
-डॉ. नितीन उपाध्ये
चिड़िया उड़ जायेगी
चिड़िया उड़ जायेगी
दाना-दुनका दो
तब वापस आएगी
-डॉ. नितीन उपाध्ये
उर में मधुमास भरे
उर में मधुमास भरे
होली का मौसम
रंगों की बात करे
-सोनम यादव
झर-झर सावन बरसे
झर-झर सावन बरसे
मौसम का जादू
प्रेमी मन क्यों तरसे
-किरन सिंह
सच हारेगा कैसे ?
सच हारेगा कैसे ?
हारे झूठ सदा,
ऐसे या फिर वैसे
-अमित खरे
2024-03-05
काहे का इतराना
काहे का इतराना
तन है माटी का
माटी में मिल जाना
-हंस जैन
बहुमत का ज़माना है
बहुमत का ज़माना है
लामबंद कौए
कोयल को हराना है
-अमित खरे
रूठा-रूठी छोड़ो
रूठा-रूठी छोड़ो
अरघ चाँद को दो
निर्जल व्रत तुम तोड़ो !
-मीनू खरे
रीझे तब मनमीते
रीझे तब मनमीते
चलनी से ताकें
जब राधा औ सीते
-निवेदिताश्री
माटी मिल जाएगी
माटी मिल जाएगी
आत्मा तो नश्वर
नव तन ले आएगी
-निवेदिताश्री
गलता है गल जाए
गलता है गल जाए
माटी का पुतला
माटी में मिल जाए
-अचला झा
बगिया ये जीवन की
बगिया ये जीवन की
चार दिवस खिलतीं
कलियाँ ये यौवन की
-सुरंगमा यादव
मद भरी जवानी है
मद भरी जवानी है
इसके ढलते बस
यादें रह जानी हैं
-राम सागर यादव
मीठी ये यादें हैं
मीठी ये यादें हैं
तेरे सावन की
तन मन तड़पाती हैं
-डॉ.संजय सराठे
ऊँची सी डाली है
ऊँची सी डाली है
बैठा है पाखी
वो एक सवाली है
-पूनम मिश्रा 'पूर्णिमा'
रिमझिम सावन बरसे
रिमझिम सावन बरसे
राह तकूँ सजना
मिलने को मन तरसे
-विद्या चौहान
ये दर्द किसानों का
ये दर्द किसानों का
कोई मोल नहीं
इनके अहसानों का
-राम सागर यादव
जगती हैं जब चाहें
जगती हैं जब चाहें
मिल ही जाती हैं
अंजानी दो राहें
-बुशरा तबस्सुम
तरसा लो तुम सइयाँ
तरसा लो तुम सइयाँ
जब दिख जाओगे
धर लूँगी मैं बइयाँ
-निवेदिताश्री
हम तो भोले भाले
हम तो भोले भाले
पावन ये नैना
तुम ही दिल के काले
-अमित खरे
चन्दा बन जाऊँगा
चन्दा बन जाऊँगा
दरस दिखाने को
तुझको तरसाऊँगा!
-मीनू खरे
थोड़ा सा धीर धरो
थोड़ा सा धीर धरो
दूर नहीं हूँ मैं
पलकें तो बंद करो
-आभा खरे
अब दूर न जायेंगे
अब दूर न जायेंगे
सुख-दुःख जीवन के
हम संग उठायेंगे
-सुरंगमा यादव
पाया है तुम्हें जब से
पाया है तुम्हें जब से
भाग्य बड़ा अपना
प्यारा लगता तब से
-सुरंगमा यादव
जन्मों के नाते हैं
जन्मों के नाते हैं
जब तुमको देखूँ
नैना सुख पाते हैं
-सुरंगमा यादव
ये प्रीत पुरानी है
ये प्रीत पुरानी है
अधरों पर फैली
मुसकान निशानी है
-डॅा. सुरंगमा यादव
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